प्रकति का सौंदर्य दृश्य: दिल खुश हो जाएगा यह वाटरफॉल आकर, 60 फिट ऊँचाई से बह रही झरना, पर्यटकों की संख्या बढ़ी, कसडोल के समीप है झरना
(भानु प्रताप साहू)
कसडोल। एक ऐसा नजारा जिसे देखकर प्राकृतिक के गोद मे समाने का मन करेगा, एक ऐसा नजारा जहाँ आकर वही का हो जाने का मन करेगा, प्रकृति से मन मोह लेने वाला मनोरम दृश्य हम आपको दिखाने जा रहे है। प्रकृति का ऐसा दृश्य जो जन्नत से कम नही है, चारो तरफ खामोशी और प्रकृति का सौंदर्य रूप पर्यटकों का मन मोह लेता हैं। वनों से आच्छादित है ये दुनिया यहाँ आने वाले पर्यटक यहां की खूबसूरत वादियों में खो जाती है, कसडोल मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी में स्थित है सिद्ध खोल जलप्रपात, जो अपने मनोरम दृश्य और खूबसूरती से पर्यटकों को लुभाती है, लगातार 3 दिनों की भारी बारिश के कारण जल प्रपात उफान पर है, 60 फीट की ऊँचाई से गिरती जलप्रपात पर्यटकों के देखना का बेहद खूबसूरत नजारा है। सिद्ध खोल जलप्रपात को सिद्धबाबा के नाम से भी जाना जाता है, जलप्रपात का आनंद लेने पर्यटक जिले के आलावा हजारो की संख्या में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से इसे देखने आते है। सिद्ध खोल जलप्रपात घने जंगल के बीच स्थित है। सिद्ध खोल जलप्रपात के आस पास घने वन उसके प्रकृति खूबसूरती को और बढ़ा देती है, खासकर बरसात के दिनों में जलप्रपात की खूबसूरती सौ गुना बढ़ जाती है और बस पर्यटक यहां खिंचे चले आते है।
वॉच टावर से दिखता है दृश्य
यहाँ पर्यटकों के सुविधा के लिए वन विभाग द्वारा वाच टावर और छाया के लिए कुटी बनाया गया है, सुरक्षा के लिए चारो तरफ से काटा तार लगाया गया है। वाच टावर में चढ़ कर चारो तरफ का नजारा का आप आंनद उठा सकते है। यहाँ एक मंदिर भी है जहाँ लोग पूजा भी करते है और भगवान सिद्धबाबा का आशीर्वाद लेते है। 60 फीट के ऊँचाई से गिरता यह झरना कुदरत का अदभुत नजारा है। सिद्ध खोल जलप्रपात परिवारिक पिकनिक स्पॉट है, साल भर यहां पर्यटक बड़ी संख्या में पिकनिक मनाने आते है।
60 फिट ऊपर से गिर रहा पानी
लगातार 3 दिनों की भारी बारिश के कारण क्षेत्र के नदी नाले उफान पर है जिसके कारण सिद्धखोल जल प्रपात का पानी बढ़ रहा है। इधर पानी बढ़ने के कारण सिद्धखोल की खूबसूरती पर चार चांद बढ़ रहा है जिसके कारण पर्यटक यहाँ जल प्रपात का मनोरम दृश्य देखने पहुँच रहे है। साथ ही तेज रफ्तार झरना का पानी 60 फ़ीट ऊपर से कल-कल बह रहा है, जिससे पर्यटको की संख्या बढ़ती जा रही है।
बजट मिलने पर होगा कायाकल्प
इधर वन परिक्षेत्र सोनाखान के रेंजर सुनीत साहू ने कहा कि विभाग के द्वारा बजट के लिए पत्र लिखा गया है, जिससे उक्त जल प्रपात पर गार्डन और इको टूरिज्म विकसित किया जाएगा। साथ ही जल प्रपात के माहौल को देखते हुये रेस्ट हाउस के सोलर पैनल लगाने की दिशा में कार्य किया जायेगा। ताकि पर्यटकों को उचित सुविधा मिल सकें।
इनका कहना है…
सिद्धखोल जल प्रपात का नाम सुनकर हम लोग यहाँ पहुँचे है, यहाँ का दृश्य बहुत ही शानदार है, झरना देखने लायक है, तकरीबन 60 फिट ऊंची झरना गिर रहा है, जिससे इसका नजारा बेहद शानदार है।
सुशील साहू (पर्यटक)
सिद्धखोल जलप्रपात को धुवांधार जलप्रपात बोला जाए तो अतिसंयोक्ति नही होगा, क्योंकि प्रकति का ऐसा मनोरम जलप्रपात कसडोल के समीप होना गौरव की बात है, वन विभाग को अच्छे से विकसित करना चाहिए।
विकास तिवारी, पर्यटक
मैं 15 वर्षो से झरना देखने आ रहा हूँ, बहुत ही शानदार नजारा रहता है, 60 फिट से पानी बह रहा है, जो देखने मे काफी ज्यादा मनमोहक है।
पिन्टू पटेल, पर्यटक
सिद्धखोल जलप्रपात बहुत ही शानदार और मनमोहक है, यहाँ पर्यटक काफी संख्या में पहुँचते है, क्षेत्र का बहुत ही अच्छा जलप्रपात है, जिसे वन विभाग द्वारा अच्छे से विकसित करना चाहिए।
मुरली मनोहर पटेल, पर्यटक