मज़दूर दिवस 01 मई 2024 को मनायें -हरिद्वार सिहं

जमुना/कोतमा। हज़ारों मज़दूरों (The Workers)की शहादत (Martyrdom) के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर (International Baccalaureate) पर मज़दूरों का सबसे बड़ा त्योहार मज़दूर दिवस 01 मई को समूचे दुनिया में मनाया जाता है।

पूंजीवाद जब चरम था तब 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में आठ घंटा काम आठ घंटा आराम आठ घंटा मनोरंजन के नारे के साथ लाखों मज़दूर सड़कों पर उतर गए दर्जनों मज़दूरों के बलिदान के बाद पूंजीवादी सरकारों को भी आठ घंटे काम के मज़दूरों के शर्त को मानना पड़ा निश्चित रूप से दुनिया में मज़दूरों की बहूत बड़ी जीत हुई आज फिर से सरकार के संरक्षण में पूंजीपति 12 घंटे काम मज़दूरों से करा रहे हैं सामाजिक सुरक्षा ख़त्म की जा रही है स्थाई कामों में अस्थायी रुप से मज़दूरों को रखा जा रहा है पेंशन भी ख़त्म की जा रही है भारत में तो मज़दूरों पर चार लेबरकोड लादकर मज़दूरों को असहाय बनाने की कोशिश की जा रही है एटक म प्र के अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं एस ई सी एल के केन्द्रीय महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह ने अपील किया है कि हर हाल में मजदुर दिवस धूमधाम से मनाया जाना चाहिए ताकि मज़दूरों के महान त्योहार की प्रासंगिकता से नये पीढ़ी के मज़दूर वाक़िफ़ हो सकें