बिना सीमांकन के शुरू हो गई चंगेरी सरकारी रेत खदान खनिज विभाग पर उठ रहे कई सवाल जनता को लूटने आई पुरानी बोतल में नई शराब बनकर नई कंपनी

जिले के कोतमा क्षेत्र में चंगेरी स्थित सरकारी रेत खदान में कार्य शुरू हो गया लेकिन शुरू होने के साथ ही रेत खदान चालू होने के पहले नियम अनुसार रेत खदान की सीमांकन चैहद्दी और खदान संबंधित जानकारी बोर्ड लगाना अनिवार्य कहा गया है लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिससे खनिज विभाग पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं जिसका जवाब अनूपपुर की जनता जानना चाहती है।

(संजीत सोनवानी)

अनूपपुर। जिले के कोतमा थाना अंतर्गत स्थित चंगेरी रेत खदान के शुरू होने से जहां जिले में रेत की चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगने के साथ-साथ आम लोगों को सस्ता रेत मिलने की संभावना दिख रही थी लेकिन जैसे ही चंगेरी की रेत खदान शुरू हुई उसके बाद तो बस यही कहा जा सकता है कि पुरानी बोतल में नई शराब बनाकर एसोसिएट ऑनर्स कंपनी अनूपपुर की जनता को लूटने आई है और इस लूट में हिस्सेदारी भागीदारी या मोन सहमति जो भी आपको अच्छा लगे मान लीजिए कहीं ना कहीं जिला खनिज विभाग भी जिम्मेदार है।

यहां पर यह बता दिया जाए की रेत खदान पर कब्जा यजीद खदान को चालू करने के पहले खनिज विभाग और राजस्व विभाग की टीम रेत खदान के क्षेत्र का सीमांकन करके उसकी एक चैहद्दी बनाती है जिस रेत ठेकेदार अपनी सीमा से बाहर जाकर अवैध उत्खनन ना कर सके।

लेकिन आश्चर्यजनक पहलू यहां पर यही है कि इस रेत खदान के चालू होने के पहले ना तो सीमांकन किया गया नहीं चैहद्दी की पैमाइश की गई और यही नहीं कंपनी द्वारा अपना बोर्ड भी नहीं लगाया गया मशीन लाई गई खनन शुरू हुआ टीपी कटनी लगी एक बार फिर से वही खेल शुरू हुआ

जो इसके पहले की कंपनी यहां खेल-खेल के सरेडर करके चली गई थी। यहां पर सरकारी रेत खदान लगभग 5-हेक्टर के आसपास है। लेकिन पिछली बार की कंपनी ने लगभग 12 हेक्टेयर में खनन कार्य किया था और इस बार फिर वही खेल भ्रष्टाचार में डूबी खनिज विभाग के सहयोग से शुरू हो गया है क्योंकि कंपनी का नाम बदल गया है चेहरे वही है और कुछ तो स्थानीय पुराने खिलाड़ी भी जो पर्दे के पीछे थे इस बार सामने है।

मैं कुछ भी करूं मेरी मर्जी

बिन सीमांकन के चंगेरी खदान शुरू होने के पीछे खनिज विभाग की मुख्य भूमिका होने से इनकार नहीं किया जा सकता। भले ही ऑन द स्पाॅट सीमांकन की प्रक्रिया नहीं पूरी की गई लेकिन कागज पर यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही कंपनी को खनन करने की अनुमति दी जाती है। अगर कंपनी ने बकाया दे रेत खनन और टी पी काटना शुरु कर दिया तो यह स्पष्ट है कि कागज पर खनिज विभाग से कंपनी ने इस रेत खदान को हैंड ओवर ले लिया है। फिलहाल खनिज विभाग के बारे में कुछ भी कहना सही नहीं है क्योंकि इस विभाग के अधिकारियों का बस यही कहना रहता है मैं कुछ भी करूं मेरी मर्जी और उन्होंने एक बार फिर से चंगेरी खदान को बिना सीमांकन किया चालू करवा कर यह बता दिया है कि उनके ऊपर केवल पैसे की अर्जी ही प्रभाव डाल सकती है लोग लाख चिल्लाते रहे अवैध खनन खनन खनन लेकिन मैं कुछ नहीं करूंगी क्योंकि यह मेरी मर्जी।

खुलेआम रेत के दाम में मची लूट

ऐशोसिएट आनर्स ने साढ़े सत्रह करोड़ में सात लाख क्यूविक मीटर क्वांटीटी का ठेका माइनिंग कॉरपोरेशन से लिया है। ऐसे में शासन को 250 रुपये घनमीटर की दर से ठेका कम्पनी द्वारा रॉयल्टी का भुगतान किया जाएगा। अब सवाल खड़ा होता है कि एसोसिएट ऑनर्स के द्वारा प्रति घन मीटर रेत के दाम कितने तय किए जाएंगे कारोबार से जुड़े सूत्रों की माने तो यदि दो गुना की दर से ठेकेदार प्रति घनमीटर रेत के दाम तय करता है तो यहां 500 रुपये प्रति घनमीटर रेत के दाम होने चाहिए। इस हिसाब से ट्रैक्टर में तीन घनमीटर रेत की रायल्टी 1500 और लोडिंग 150 रुपये माने तो 1650 रुपए में एक ट्रैक्टर रेट मिलनी चाहिए लेकिन यहां पर किस हिसाब से ठेकेदार के द्वारा 4500 रुपए तय किया जा रहा है समझ के पार है समय रहते जिले के जागरूक जनों ने आवाज नहीं उठाई तो परिणामता ठेका कंपनी के द्वारा खुलेआम ठगने का कारोबार किया जायेगा, और इसमें बराबर का हिस्सा खनिज विभाग पुलिस व राजस्व अमले को भी चढोत्री स्वरूप चढ़ाया जाएगा अब ऐसे में आम नागरिकों को तय करना है की जिन्हें उन्होंने अपना प्रतिनिधि चुना वह इसके खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे या फिर वह सड़कों पर खुद खड़ा होकर इसके खिलाफ आंदोलन करेगी।

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