सराहनीय पहल: एकल शिक्षकीय स्कूल में पाठ्यक्रम पूरा कराने बच्चों को बनाया शिक्षक, हेडमास्टर की पहल से 2 वर्षों से चल रहा एकल शिक्षकीय स्कूल, 5 गांवो से लगभग 20 बच्चें आते है पढ़ने, नौनिहाल गढ़ रहें नवाचार

(भानु प्रताप साहू)

कसडोल। विकासखंड कसडोल के वनांचल में स्थित एक ऐसा स्कूल जहाँ ज्यादा सुख सुविधा तो नही है, लेकिन स्कूल में मौजूद प्रधान पाठक की सराहनीय पहल, ईमानदार नीति और शिक्षा के प्रति लगन से एकल शिक्षकीय स्कूल में तकरीबन 5 गांवो से 20 नौनिहाल पढ़ने आते है, साथ ही प्राथमिक विद्यालय में तकरीबन 51 बच्चें अध्ययनरत है, आपको बता दे कि जिस गांव से नौनिहाल पढ़ने आते है उस गांव में भी स्कूल मौजूद है, लेकिन स्कूल की पढ़ाई स्तर को देखकर बच्चें खिंचे चले आते है, जी हाँ हम बात कर रहें है, बलार नवागांव प्राथमिक विद्यालय का। जहाँ के प्रधानपाठक मनोज जाटवर की लग्न और ईमानदार नीति की वजह से स्कूल का स्तर काफी अच्छा है, गौरतलब है कि नवागांव से लगे ग्राम कंजिया, संडी, सारसडोल, बिटकुली, राजादेवरी के बच्चें स्कूल में पढ़ने लगातार आते है, यहां बच्चों को विभिन्न तरह की शैक्षिक-सहशैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से बेहतर वातावरण दिया जा रहा है। यहां गांव के ही नहीं बल्कि 20 से 25 किलोमीटर दूर के भी बच्चे अध्ययन करने आते हैं। यह सब प्रधान पाठक मनोज कुमार जाटवर के आत्मविश्वास का प्रतिफल है।

“एफएलएन के तहत नौनिहाल हो रहें नवाचार”

बच्चों को नवाचारी बनाने हेतु स्कूल में एफएलएन के तहत शिक्षा में नवाचार भरते हुए बच्चों को नवाचारी बनाने की नई मंजिल तैयार किया जा रहा है, स्कूल के शैक्षिक विकास में बालकों का भी सराहनीय योगदान मिल रहा है बाल दिवस के अवसर पर पालक समिति ने प्रधान पाठक मनोज जाटवर और अतिथि शिक्षिका का सम्मान किया। वही प्रधान पाठक द्वारा शिक्षक की कमी को पूरा करने के लिए विद्यालय के बच्चों को बाल शिक्षक बनाकर स्वयं के साथ अपनी स्कूली साथियों को पढ़ाने लिखाने में सहयोग लिया जा रहा है। यह बाल शिक्षक बच्चों के सीखने की गति, कॉपी की जांच, पठन कौशल का विकास में नवाचार अपनाते हैं।

“बाल दिवस पर बच्चों को मिला उपहार”

नौनिहालों को नौनिहाल ही शिक्षा देने के अवसर पर बीते बाल दिवस के शुभ अवसर पर प्रधान पाठक श्री जाटवर द्वारा बाल शिक्षकों का कलम एवं उपहार भेंटकर प्रोत्साहित किया गया। बच्चों के इस कार्य से बालक ही नहीं बल्कि पालक भी बहुत खुश है, आपको बता दे कि इन स्कूल में अध्यनरत बच्चों का जन्मदिन भी स्कूल में ही उमंग के साथ मनाते हैं बच्चों के बढे शैक्षिक विकास पर बीच-बीच में बच्चों को पुरस्कृत किया जा कर अन्य बच्चों को भी प्रेरित किया जाता है। इस प्रकार बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए प्रधान पाठक मनोज कुमार जाटवर का सतत प्रयास जारी है।

“2 वर्षो से है एकल शिक्षकीय स्कूल”

बलार नवागांव के ग्रामीण सहित नौनिहालों की माने तो स्कूल में 2 वर्षो से एक ही शिक्षक स्कूल में बच्चों के भविष्य को गढ़ने का काम कर रहें है, लेकिन यहाँ शिक्षा विभाग के द्वारा अन्य शिक्षक की नियुक्ति नही की जा रही है, ऐसे में कई बार ऐसा होता है जब शिक्षक की शासकीय कार्यों से मीटिंग या अन्य शासकीय कार्यों में ड्यूटी लगने पर स्कूल शिक्षक विहीन हो जाता है, साथ ही सूत्रों की माने तो पूर्व में हुए शिक्षक भर्ती के दौरान कुछ शिक्षकों की जॉइनिंग यहाँ दिया गया था लेकिन बिना नेटवर्क या सुख सुविधाओं से स्कूल दूर होने के कारण कुछ शिक्षकों ने अपनी जिम्मेदारियों से किनारा करते हुए ट्रांसफर करा लिए तो कुछ ऊँची पकड़ होने के कारण अन्यत्र जगह जॉइनिंग कर लिए। अब ऐसे हालात में भी हेडमास्टर श्री जाटवर द्वारा बच्चों के भविष्य को गढ़ने में लगें हुए है। जो कि आधुनिकता के इस दौर में भी संवेदनशीलता दिखाई देता है।

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