लोक समता शिक्षण समिति [LS3] का संविधान शपथ विवाह समारोह संपन्न हुआ

(पंकज कुर्रे)

बिलासपुर। जनवादी प्रगतिशील मानवतावादी उद्देश्यों व कार्यक्रमों को संचालित करने वाली संस्था “लोक समता शिक्षण समिति” [LS3] पं. क्र.- 12220 1960 583] द्वारा जातिवादी भेदभाव, धार्मिक पाखंड- दिखावा, फिजूल खर्च विरोधी एवं संवैधानिक आजाद ख्यालात से संवैधानिक आदर्श विवाह करने का अभियान चलाया जा रहा है।

LS3 के इस अभियान के अंतर्गत अंतर्जातीय विवाह के लिए  दुर्गेश्वरी चौहान एवं ऋषिकेश सतनामी से लोक समता शिक्षण समिति (LS3) को संवैधानिक आदर्श विवाह कराने आवेदन प्राप्त हुआ।

आवेदन स्वीकार कर उनका विवाह दि.- 13-04-24 को लोक समता शिक्षण समिति (LS3) आफिस गली नंबर 2 नगर निगम कालोनी भारतीय नगर बिलासपुर छत्तीसगढ़ में संपन्न हुआ।

गुरुघासीदास सेवादार संघ [GSS] के केन्द्रीय संयोजक एवं LS3 के संरक्षक लखन सुबोध ने भारतीय संविधान ग्रंथ को साक्षी मानकर उन्हें वैवाहिक शपथ दिलाया।

ज्ञात हो कि LS3 कुछ वर्षों से संवैधानिक विवाह कराते आ रहा है। ज्यादातर शादियां अंतर्जातीय हुई हैं। कुछ शादियां अंतरधार्मिक और सजातीय भी हुई है।
यह गौरतलब बात है कि, सामंती सोच-समझ के लोगों से ऐसे युवक- युवती की चाहत का दमन किया जाता है।

जिसमें कई तरह की असामान्य घटनाएं हत्या-आत्महत्या भी हुई हैं। ऐसी घटनाओं का संज्ञान न लेकर परिवार जन अपनी सामंती भाव की इच्छा लादने उतारू रहते हैं।
आज के इस सामंती सोच- उभार के दौर में तो अब RSS/भाजपा शासित राज्य में, यह कानून बनाए जाने का समाचार आ रहा है कि, युवक-युवती की शादी के लिए मां-बाप की मंजूरी को कानूनन “अनिवार्य” किया जाय।

अब समझिए कि, कैसे नागरिक आजादी पर हमला व बंदिशे लगाने को “जायज” ठहराया जाएगा।
होना तो यह चाहिए कि, युवक-युवती और उनके परिजनों को शिक्षा-संस्कार, रुचि-रोजगार- अभिव्यक्ति को बेहतर (गैर सामंती व आधुनिक समझ) बनाएं और इसके लिए सर्वोपरि कर्तव्य, सरकारों का है। जो ऐसे वातावरण बनाने आवश्यक नैतिक-भौतिक समर्थन व स्रोत दे।

इस अवसर पर इस विवाह के समर्थन मे एड. महेश आर्य (विधिक सलाहकार GSS),विरेन्द्र भारद्वाज (महासचिव-लोक सिरजनहार यूनियन LSU) एवं वर-वधु पक्ष से सरोज राठौर,सतेन्द्र कुमार मारे,उमाशंकर बंजारे,सुनिता घृतलहरे,अराधना घृतलहरे,मधु जोशी,उमेश्वरी कुर्रे,मोनिका बंजारे,दिलेश्वरी घृतलहरे,संतराबाई जोशी,कुंभ घृतलहरे,सहदेव घृतलहरे एवं सुखनंद उपस्थित रहे।

समारोह पश्चात श्री लखन सुबोध ने नव विवाहित दंपत्ति को बधाई देते हुए कहा कि, यदि भविष्य में कहीं किसी भी तरह से उन्हें या उनके परिजनों-समर्थकों को जातिय ठेकेदारों द्वारा सामाजिक- बहिष्कार प्रताड़ना करते हैं।

तो हमें सूचित करें, हम संवैधानिक समता-स्वतंत्रता आधारित न्याय के पक्ष में साथ खड़े रहेंगे। हम जातिवादी-कबीलाई जुल्मियों के खिलाफ लड़ते रहे हैं। और आगे भी लड़ेंगे।

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