DHANPURI NEWS: बजबजाती गंदगी के बीच जीवन जीनें को मजबूर वार्डवासी, ऐसी आतुरता कि बिना निर्माण के ही बजबजाती गंदगी को छोड़ दिया

(संजीत सोनवानी)

DHANPURI NEWS:नगर पालिका धनपुरी भले ही स्वच्छता के नाम पर तमाम तमगा हासिल कर फ्लैक्स लगाकर अपनी वाहवाही लूटता हो और आमजनमानस के बीच यह संदेश प्रसारित करनें की बात करता हो कि धनपुरी नगर तमाम स्वच्छ नगरों की तर्ज पर स्वच्छता की ओर अग्रसर है लेकिन यहां कि स्थितियां और हालात ऐसे हैं कि एक वार्ड में रहवासी गंदगी के बीच बीते दिनों से नरकीय जीवन जीनें को मजबूर है। इसे नगर पालिका धनपुरी की उदासीनता ही जाये कि न उसे अपनें नगर के लोगों की चिंता है और न ही उनकी कठिनाइयों से कोई वास्ता, बल्कि निर्माण कार्य की ऐसी आतुरता है कि उन्हें इस बात का भी ख्याल नहीं रहा कि कार्य करनें की दिशा या दशा क्या होनी चाहिये। वैसे भी निर्माण कार्यों में भर्रेशाही व्यवस्था और भ्रष्टाचार को लेकर पहले भी नगर पालिका धनपुरी तमाम सुर्खियों में रह चुकी है। लेकिन इसे विडंबना ही माना जाये कि जांच की आंच उन तक नहीं पहुंच पाती जो असली दोषी है। मामला धनपुरी नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 9 का है जहां लाखों रुपये की लागत से बीते दिनों एक नाली निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है। इस निर्माण कार्य में नगर पालिका के जिम्मेदारों नें ऐसी लापरवाही बरती कि बीते दो दिनों से वार्डवासी अब नरकीय जीवन जीनें को मजबूर है।

तो बजबजाती गंदगी के बीच जीवन जीनें को मजबूर वार्डवासी, ऐसी आतुरता कि बिना निर्माण के ही बजबजाती गंदगी को छोड़ दिया
तो बजबजाती गंदगी के बीच जीवन जीनें को मजबूर वार्डवासी, ऐसी

दरअसल वार्ड क्रमांक 9 रेल्वे कालोनी एक मदरसे के नजदीक वर्षों से कालोनी का गंदा पानी एकत्र होता है। वर्षों से बनें इस स्थान का समय रहते स्वरुप बदलता गया और तालाब जैसे स्थल के रुप में यह परिवर्तित हो गया। जहां बडे अनुपात में गंदा पानी सहित सीवरेज का मल आदि एकत्र होनें लगा। जिसे यहां से स्थानांतरित करनें के लिये नगर पालिका द्वारा लाखों रुपये का बजट पास किया गया और वार्डवासियों कि मानें तो उन्हें यह जानकारी दी गई कि उक्त गंदे पानी को नाली को माध्यम से सीवरेज लाइन से जोड़कर प्रथक किया जायेगा। बीते दिनों इसके लिये बकायदे पूरी व्यवस्था के साथ वार्ड पार्षद कि मौजूदगी में काम शुरु हुआ नाली निर्माण के लिये नाली खुदाई का कार्य शुरु किया गया। लेकिन नाली खुदाई करने के बाद ही बिना पक्की नाली निर्माण के लंबे अर्से से एकत्र दूषित पानी को इस नाली में बिना किसी व्यवस्था के छोड़ दिया गया। ऐसा करनें से ऊंचाई से ढलान कि ओर तेजी से दूषित गंदा पानी नाली में क्षमता से ज्यादा आनें लगा और पूरे वार्ड में सड़कों में लोगों के घरों में घुसनें लगा जिससे न सिर्फ वार्डवासी परेशान हो गये बल्कि पूरे क्षेत्र दुर्गंध और गंदगी फैल गई।

सड़क से आना जाना हुआ मुश्किल, घंटों साफ कि गंदगी

वार्ड में ऐसे तमाम घर थे जिनके घरों में गंदा बदबूदार पानी घुस गया, जिसे रहवासी घंटों की मशक्कत कर बाहर निकाल सके। सड़कों में घंटों तक बजबजाती गंदगी बहती रही, और पूरे क्षेत्र का वातावरण दूषित हो गया लोगों नें जब इसकी जानकारी के लिये नगर पालिका के अधिकारियों कर्मचारियों को फोन लगाया तो किसी का भी फोन नहीं उठा। वार्ड वासियों नें कहा कि जब समूचे वार्ड में दूषित पानी फैल गया तब नगर पालिका के कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंचे और इसे जेसीबी ऑपरेटर कि गलती बताकर इतिश्री कर ली। साथ ही यह भी कहा नगर पालिका का टैंकर आकर पानी से यहां धुलाई कर देगा लेकिन वह भी दूसरे दिन तक नहीं पहुंच सका।

नही सुनी अंत्योदय समिति के सदस्य की भी बात

संजीत सोनवानी जो की नगरपालिका में अंत्योदय समिति के सदस्य है इनके द्वारा फोन के माध्यम से नगर पालिका परिषद में जानकारी भेजी गई जिनसे इंजीनियर बृजेश पांडे के द्वारा बोला गया कि जो भी रास्ते में या किसी घर में मालवा बहा है तो पानी टैंकर भेजकर सफाई करवा दिया जाएगा लेकिन वह भी सिर्फ और सिर्फ कहने की बात रह गई थी जब अंत्योदय समिति के सदस्य की बात नहीं सुनी गई तो वार्ड वासी तो यूं ही चिल्लाते ही रहेंगे अभी तक नगर पालिका के द्वारा कोई भी सफाई का कार्य नहीं किया गया।

वार्ड वासियों नें लगाये गंभीरआरोप

वार्ड वासियों नें आरोप लगाते हुये कहा कि जिस नाली का वर्तमान में निर्माण कराया जा रहा है वह कागजों में पहले ही बन चुकी है। जिसकी जांच होनी चाहिये। वार्ड वासियों नें कहा कि नगरपालिका के इंजीनियर महज खानापूर्ति करते हैं उन्हें बिना पक्के निर्माण और ढके हुये नाली के बिना कैसे इतना दूषित पानी छोड़ दिया। उन्हें नाली कि क्षमता का भी अंदाजा नहीं है, बहरहाल दो दिनों से रेल्वे कालोनी कि यह निर्माणाधीन नाली वार्ड वासियों के लिये मुसीबत बनी है। वार्ड वासियों का कहना है कि यदि इस भर्रेशाही और मनमानें तरीके से विकास करना है तो ऐसा विकास उन्हें नहीं चाहिये।

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