पीपुल्स अस्पताल में हो रहा भेदभाव, शिविर से पहुंचे मरीजों ने लगाया गम्भीर आरोप

उपचार के नाम पर सुबह-शाम गोली व सिरप देकर की जा रही है खानापूर्ति

(राकेश चंद्रा)

अनूपपुर। जिले के कोयलांचल नगरी बिजुरी स्थित सरास्वती शिशु मंदिर में बीते 21 एवं 22 सितम्बर को पीपुल्स अस्पताल भोपाल द्वारा विशाल स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्रभर से लगभग 11974 मरीज निःशुल्क उपचार के लिए पहुंचे। इन्ही 11974 मरीजों में 411 गम्भीर मरीजों को चिकित्सकों द्वारा चिन्हित कर, उचित उपचार के लिए सभी को भोपाल ले जाया गया। इस आशय से कि वहां बेहतर उपचार कर सभी मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा। किन्तु आरोप है कि भोपाल पहुंचने बाद उक्त अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा इन मरीजों का उपचार नही किया जा रहा है। अपितु इनसे भेदभाव करते हुए चिकित्सक उन्हे सुबह-शाम सिर्फ गोलियां व सिरप पिलाकर ही खानापूर्ति कर रहे हैं।

“पीपुल्स अस्पताल पहुंचकर मरीज फोन एवं सोशल मीडिया से बता रहे हैं अपनी व्यथा”

प्रदेश सरकार के कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल के प्रयासों से पीपुल्स अस्पताल द्वारा क्षेत्र में शिविर लगाकर क्षेत्रवासियों का निःशुल्क एवं बेहतर उपचार करने पर सहमति जताई गयी थी। किन्तु उसी अस्पताल के प्रबंधन द्वारा प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के आंखों में धूल झोंककर, शिविर से ले गए मरीजों के साथ उपचार के नाम पर भेदभाव करते हुए महज खानापूर्ति किया जा रहा है। जिससे हताश व परेशान मरीज फोन से परिजन सहित रिस्तेदार व सम्बंधियों को पीपुल्स अस्पताल कि वास्तविकता बतलाकर घर वापसी कि बात कर रहे हैं।

“प्रदेश सरकार पर नाराजगी जाहिर कर रहे मरीज एवं परिजन”

बिजुरी में आयोजित दो दिवसीय शिविर के माध्यम से उपचार के लिए भोपाल पहुंचे मरीज अब खुद को ठगा सा महसूस करते हुए पीपुल्स अस्पताल कि हकीकत क्षेत्र के लोगों को फोन पर बताते हुए सोशल मीडिया में भी पोष्ट कर, इनके करतूतों को उजागर कर रहे हैं। जिससे स्पष्ट होता है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा महज व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के इन आर्थिक-अक्षम लोगों का ना केवल इस्तेमाल किया गया है। बल्की निःशुल्क-उचित उपचार के नाम पर इनका मजाक बनाते हुए इनकी भावनाओं से भी खिलवाड़ किया जा रहा है।

उपचाररत मरीजों से पीपुल्स अस्पताल कि वास्तविकता पता चलने के बाद से क्षेत्र के लोग ना सिर्फ अस्पताल प्रबंधन के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। बल्की निःशुल्क उपचार शिविर के नाम पर गरीबों को गुमराह करने के लिए प्रदेश सरकार पर भी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

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