पर्यावरण दिवस विशेष: पौधा रोपणकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहें ग्राम के सन्तोष कुमार, 500 से 600 पौधा लगाया, स्कूल परिसर, तालाब पार सहित अन्य जगह लगाया पौधा

(हेमंत बघेल)
कसडोल। बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस पूरे देश मे मनाया गया। इस अवसर पर कई जगह पौधों का रोपण भी किया गया। पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए विभिन्न जीव जंतु के साथ- साथ पेड़-पौधों का होना अनिवार्य है। पेड़-पौधे के बगैर पर्यावरण का कल्पना ही नहीं किया जा सकता। इसलिए सरकार पौधारोपण व उसके संरक्षण में करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भी पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन पर विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। फिर भी कुछ लोग निजी स्वार्थ से इसको नजर अंदाज कर देते हैं। वहीं कुछ ऐसे लोग भी है जो कि अपना सारा जीवन पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन में समर्पित कर दिया है।
पर्यावरण को जीवन किया समर्पित
कसडोल विकासखंड के ग्राम हटौद में एक ऐसा व्यक्ति भी मौजूद है जो अपने जीवन को पर्यावरण के प्रति समर्पित कर दिया है, जी हाँ हम ग्राम हटौद के संतोष कुमार पैकरा की बात कर रहें है, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी को पर्यावरण के प्रति समर्पित कर दिया है, ग्राम के संतोष कुमार पैकरा ने जबसे प्रेरणा लिया है, तबसे अपने जीवन को पर्यावरण के प्रति समर्पित भाव से काम कर रहें है, पेशे से संतोष पेंटर का काम करते है, लेकिन अपने निजी काम से आमदनी करके ये पौधा रोपण के कार्य मे जुटे रहते है, इनका ये स्वभाव अब पूरे गांव में विद्यमान हो चुका है, गांव के लोगों ने बताया कि श्री पैकरा सुबह उठकर केंवल पौधों को पानी, मिट्टी के अलावा संवर्धन करने की सोच रखकर लगे रहते है, जो अब इनके जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है, इसके अलावा संतोष भी यह करके अपने आपको सौभाग्यशाली मानते है। कि उन्होंने इस युग मे भी ऐसे निःस्वार्थ भाव से काम करने की उनकी ईच्छा जागृत हुआ है। फिलहाल संतोष ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन मे पौधा का रोपण करना चाहिए जिससे प्रकृति का संतुलन बना रहे।
500 से 600 पौधों का किया रोपण
आपको बता दे कि कसडोल विकासखंड के ग्राम हटौद निवासी संतोष कुमार पर्यावरण के प्रति इतना जागरूक है कि उन्होंने अपना जीवन काल में अब तक लगभग 5 सौ से 6 सौ पेड़ लगा चुके हैं।
बता दें कि वर्तमान में इनका पौधारोपण ग्राम हटौद में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला के अलावा तालाबो के पार में चल रहा है। विगत छह माह के अंदर वे यहां लगभग सौ पेड़ लगा चुके हैं।
इसके अलावा पानी डालने व घेरा करने के साथ विद्यालय के अहाता में शिक्षाप्रद व प्रेरणादायक आकर्षक रंग बिरंगी चित्रों के साथ एक दो नहीं बल्कि पचासों सचित्र दीवाल लेखन का काम भी किया जा रहा है। संतोष कुमार पेशे से पेंटर है।
उन्होंने अपनी कमाई के निजी पैसे से पथरीले मैदान में पचासों ट्रैक्टर मिट्टी डाल कर बरगद, पीपल, आम, गुलमोहर, नीम व राजकीय पेड़ सराई के पेड़ लगा चुके हैं।