एफआईआर: थम नहीं रही देवेंद्र यादव की मुश्किलें… जमानत के बाद फिर हुई एफआईआर…देवेंद्र यादव समेत इन 13 कांग्रेसियों के नाम..जानिए क्या है मामला

रायपुर। बलौदाबाजार में 10 जून को हुए हिंसा एवं आगजनी मामले में गिरफ्तार भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार 21 फरवरी को रायपुर सेंट्रल जेल से रिहाई हुई। रिहाई के वक्त विधायक के समर्थक जेल के बाहर सैकड़ों की संख्या में मौजूद थे जिससे सड़क पर जाम लग गया था।

जेल से छूटने के बाद देवेंद्र यादव फिल्मी अंदाज में दौड़कर बाहर आए व सड़क पर कार पर खड़े होकर अपने समर्थकों को संबोधित करने लगे। जिससे सड़क जाम हो गया। और इसी मामले में रायपुर गंज थाना पुलिस ने विधायक देवेंद्र यादव , सुबोध हरितवाल आकाश शर्मा सहित कुल 13 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया है।

एफआईआर में उल्लेखित है कि जेल रोड रायपुर पहुंचा कि कांग्रेस पार्टी के युवा काग्रेस के कार्यकर्ता गेट के सामने आकर नारेबाजी कर रहे थे शाम करीब 17.30 बजे देवेन्द्र यादव जैसे ही केन्द्रीय जेल, रायपुर से रिहा होकर बाहर आये कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता आकाश शर्मा, सुबोध हरितवाल, शोएब ढेबर, शांतनु झा, अतीक मेमन, फराज, फरदीन खोखर, अनवर हुसैन, शेख वसीम साकिनान रायपुर छ.ग. एवं नीता लोधी, बाबी पांडे साकिनान- भिलाई, दुर्ग, शिबली मेराज खान साकिन बिलासपुर छ.ग. एवं अन्य लगभग 500-600 कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं समर्थक लोग आपस में धक्का मुक्की करते जेल परिसर के सामने वाले आम सडक को अवरूद्ध कर दिये देवेन्द्र यादव अपने समर्थकों के साथ सडक के बीच में खडी गाडी पर चढ़कर अपने समर्थको को संबोधित किया उस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता एवं समर्थको के द्वारा फाफाडीह चौक से कचहरी चौक जाने वाली मेन रोड को जाम कर दिये जिससे आने जाने वाले आम लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पडा एवं उस दौरान करीब आधा घंटा तक सडक जाम रहा जिससे यातायात बाधित हुआ एवं आने जाने वालों को असुविधाएं हुई एवं एम्बुलेंस, यात्री बसो का आवागमन बाधित हो गया जिससे आम जनता पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पडा। कांग्रेस के राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी किया और आमजन के आवागमन को रोक कर बाधा पहुंचाया जिससे लोक शांति भंग होने की संभावना निर्मित हो गया था जिन्हे मैं एवं मेरे साथ लगे स्टाफ के द्वारा आवागमन को सुचारू रूप से चलने देने अपील करता रहा लेकिन वे लोग नहीं माने। कांग्रेस के उक्त कार्यकर्ता एवं देवेन्द्र यादव के समर्थको के द्वारा किया गया कृत्य अपराध धारा 126 (2), 3(5) भा.न्या.सं. 2023 के अपराध घटित होना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिए गया है।

“126 (2) में दोषी को सज़ा (Punishment) कितनी होती है”

बीएनएस की धारा 126 के तहत गलत तरीके से रोकने के लिए सजा के बारे में 126 की उपधारा 2 में बताते हुए कहा गया है कि जो भी व्यक्ति किसी को गलत तरीके से रोकने के अपराध का दोषी (Guilty) पाया जाएगा। उसे एक महीने तक की जेल व 5000 रुपये के जुर्माने से दंडित (Punished) किया जा सकता है। कुछ मामलों में अदालत कारावास और जुर्माना दोनों भी लगा सकती है।

बीएनएस की धारा 126 में जमानत कब व कैसे मिलती है? 

बीएनएस की धारा 126 में गलत तरीके से रोकना एक संज्ञेय अपराध (Cognizable offence) माना जाता है, जिसमें सजा भले ही ज्यादा कठोर ना हो। लेकिन फिर भी इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इसके साथ ही यह एक जमानती अपराध (Bailable offence) होता है, जिसमें आरोपी व्यक्ति के पास अदालत में आवेदन करके जमानत (Bail) प्राप्त करने का अधिकार होता है।

“देखिए F.I.R. की कॉपी”

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