एक ट्रेक्टर ट्राली के चार मालिक तीन हुए लापता

आपराधिक रिकॉर्ड धारी कतन्नी का क्यों नही हुआ जिला बदर,कतन्नी के पास कैसे पहुंचे दूसरों के ट्रैक्टर
जिला बदर नहीं होने से नगर में भय का माहौल
अनूपपुर। पुलिस लाख दावे कर ले अपराधियों पर नकेल कसने की पर कतन्नी जैसे आपराधिक प्रवर्ति के लोग पुलिस को भी अपना शागिर्द बना ही लेते है।
और सबसे बड़ा सवाल यह है कि हाल ही में हुए जिला बदर की कार्यवाही में कतन्नी उर्फ मोहम्मद इस्ताक कैसे बच गया जबकि इसके खिलाफ कई अपराध पंजीबद्व है तो दूसरी तरफ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कई ट्रैक्टर से रेत का अवैध कार्य करने वाला ये रेत माफिया दूसरों के ट्रैक्टर अपने पास रखता है आखिर इसके पीछे की वजह क्या जी कही यह गरीब लोगों के नाम से ट्रैक्टर खरीदवाने के बाद खुद स्तेमाल करता है मामला बड़ा पेचीदा है पुलिस को इसके हर मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करनी चाहिए , इन दिनों कोतमा नगर में चल रहे अवैध गतिविधियों की सूचना देना नगर के चौथे पहरेदारों पर झूठे आरोप लगाकर फंसाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मामला कोतमा में रेत (पीला सोना) की चोरी करने वाले मोहम्मद इस्ताक उर्फ कतन्नी का है। जिसके ट्रैक्टर को रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन किए जाने की सूचना पुलिस को 15 अप्रैल को दी गई और कोतमा पुलिस ने उक्त ट्रैक्टर को बस स्टैण्ड रोड मुखर्जी चौक कोतमा से जब्त करते हुए चालक सूरज केवट पिता धनीराम उम्र 27 वर्ष निवासी लहसुई एवं शशी सिंह पति गुड्डू सिंह लहसुई के खिलाफ धारा 379, 414, खान एवं खनिज अधिनियम की धारा 4/21 एवं मोटरयान अधिनियम की धारा 130(3) / 177 के तहत कार्यवाही भी की गई, जिसके बाद ट्रैक्टर चालक सूरज केवट उर्फ लाला ने 22 अप्रैल को नगर के तीन पत्रकारों को फंसाने के लिए झूठी शिकायत थाने में दर्ज कराई।पुलिस ट्रैक्टर जप्त कर के लाई उसमे वैध रेत थी तो कार्यवाही कैसे हुई और अगर अवैध थी तो पत्रकारों के खिलाफ की गई शिकायत अपने आप मे झुठी साबित हो जाती है चूंकि पत्रकारों ने पुलिस को सूचना दी और अवैध रेत का उत्खनन और परिवहन करने का मामला पंजीबद्व किया गया उसके बाद पत्रकारों के खिलाफ उसी ट्रैक्टर का ड्राइवर शिकायत करता है अपने आप मे साबित करता है कि झुठी शिकायत दर्ज कराई गई,
कौन है रेत माफिया कतन्नी
पूरे मामले पुलिस द्वारा रेत की चोरी के मामले में जब्त कर कार्यवाही की गई। जिसमें पुलिस ने चालक के बताये अनुसार ट्रैक्टर क्रमांक एमपी 18 एए 6891 एवं ट्रॉली क्रमांक एमपी 18 एच 2579 के मालिक शशी सिंह पति गुड्डू सिंह निवासी लहसुई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। जबकि उक्त मामले में ट्रैक्टर चालक सूरज केवट उर्फ लाला ने नगर के पत्रकारों को फंसाने के लिए की गई झूठी शिकायत में उक्त ट्रैक्टर के मालिक का नाम मोहम्मद इस्ताक उर्फ कतन्नी लिखा गया है। उक्त कृषि कार्य हेतु पंजीकृत ट्रैक्टर वा ट्रॉली का उपयोग जहां व्यवसाईक उपयोग हेतु उनके टीपी में साफ देखने को मिला, जहां वह अपने किसी निजी कार्य हेतु रेत की टीपी नही बल्कि व्यवसाईक उपयोग हेतु टीपी कटवाते हुए रेत की बिक्री नगर के लोगो को कर रहा है। इस पूरे प्रकरण में जैसे ही ट्रैक्टर वा ट्रैक्टर ट्रॉली के वास्तविक मालिक के सामने आने और उनका नाम एफआईआर में शामिल होने के बाद कतन्नी का दिखाया गया कल सच सामने आ जाएगा।
ट्रैक्टर वा ट्रॉली के चार मालिक
जब पूरे मामले में ट्रैक्टर क्रमांक एमपी 18 एए 6891 एवं ट्रॉली क्रमांक एमपी 18 एच 2579 के मालिक का पता चला तो उक्त ट्रैक्टर वा ट्रॉली दोनेा के मालिक अलग-अलग मिले। सबसे बड़ी बात की ट्रैक्टर चालक सूरज केवट के बताए अनुसार ट्रैक्टर इंजन वा ट्रैक्टर ट्रॉली के मालिक मोहम्मद इस्ताक और शशी सिंह दोनो ही नही निकले। जब पूरे मामले की जानकारी निकाली गई तो उक्त ट्रैक्टर वा टॉली के मालिक कोई और ही निकले। जिसके बाद मोहम्मद इस्ताक उर्फ कतन्नी का पूरा खेल सामने आ गया।
कौन है असली टैक्टर वा ट्रॉली के मालिक
मोहम्मद इस्ताक उर्फ कतन्नी की पोल उस समय खुली जब उसके द्वारा सूरज केवट से कराई शिकायत में अपने आप को मालिक बताया तथा एफआईआर के समय पुलिस को शशी सिंह को मालिक दिखाया गया, लेकिन जब पत्रकारों ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि असल में परिवहन विभाग में ट्रैक्टर क्रमांक एमपी 18 एए 6891 का मालिक सियावती गोड़ पति अंगद गोड़ निवासी चापानी लामाटोला एवं ट्रॉली क्रमांक एमपी 18 एच 2579 के मालिक का नाम दशरथ गोड़ पिता बुद्धुआ सिंह गोड़ निवासी अमगवां निवासी है। इसके बावजूद इन ट्रैक्टर वा ट्रॉली का नाम झूठी शिकायत में कतन्नी और एफआईआर में शशी सिंह का नाम आना शिकायत को पूरी तरह से फर्जी निकलकर सामने आई।
प्राईवेट वाहन को नही ले सकते किराये नामे पर
मामले की जानकारी के अनुसार कतन्नी जिस ट्रैक्टर वा ट्रॉली को अपना बताकर झूठी शिकायत दर्ज करवाई गई है, उस पूरे मामले में उक्त ट्रैक्टर वा ट्रॉली को उसके मालिक से किराये नामे पर लेकर नही चलाया जा सकता है। इसके साथ ही अगर कतन्नी उर्फ मोहम्मद इस्ताक ने उक्त ट्रैक्टर वाहन वा ट्रॉली को खरीदा है और बिक्री नामा करवाया है तो इसके लिए भी बिक्री नामे के अनुसार तीन माह के अंदर कतन्नी को अपने नाम पर ट्रैक्टर वा ट्रॉली को परिवहन विभाग में ट्रांसर्फर करवाना होता है।
ट्रैक्टर वा ट्रॉली के मालिकों पर कब होगा मामला दर्ज
रेत के अवैध परिवहन में 15 अप्रैल संलिप्त मिले उक्त ट्रैक्टर वा ट्रॉली के मालिक अलग-अलग है, जिसमें पुलिस ने ट्रैक्टर चालक सूरज एवं मालिक शशी के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन असल में उक्त ट्रैक्टर के वास्तविक मालिक सियावती गोड़ पति अंगद गोड़ निवासी चापानी लामाटोला एवं ट्रैक्टर ट्रॉली के वास्तविक मालिक दशरथ गोड़ पिता बुद्धुआ सिंह गोड़ निवासी अमगवां के साथ रेत का अवैध परिवहन कराने वाले मुख्य सरगना मोहम्मद इस्ताक उर्फ कतन्नी का नाम विवेचना में जोड़ा जाना चाहिए था, लेकिन अब तक कोतमा पुलिस द्वारा मामले की विस्तृत जांच ना करते हुए इनका नाम उक्त एफआईआर में नही जोड़ा गया है।
इनका कहना है
मामले की शिकायत दोनो तरफ से प्राप्त हुई है, जांच कर निष्पक्ष कार्यवाही की जाएगी।
सुन्द्रेश मरावी, थाना प्रभारी कोतमा