खुद भी थे मयखानें में… अब लग गये साथी को फंसानें में, पहले भी सुर्खियां बटोर चुके हैं महेन्द्र
पदमोह ऐसा कि अब षणयंत्र रच फंसानें की साजिश
बकहो।
जिले में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लानें को यहां तैनात जिम्मेदार भले ही अथक प्रयासों में जुटे हों, लेकिन इन दिनों जिले की तामाम पाठशाला राजनीतिक गतिविधियों का अड्डा बनता नजर आ रहा है। हालात ऐसे हैं कि कोई अपनें पद को लेकर षडयंत्र रच रहा है तो कोई अपनें वरिष्ठों को खुश कर अपनी तैनाती मलाईदार सुविधाजनक स्थानों में करानें में लगा हुआ है। जिले के ऐसे तमाम विद्यालय है जहां शिक्षा व्यवस्था को लेकर तमाम खामियां है लेकिन यहां तैनात शिक्षक अपनें मूल दायित्वों से ज्यादा उन विषयों पर फोकस करते नजर आ रहे हैं जहां से उन्हें सीधा लाभ है। ताजा मामला बकहो माध्यमिक शाला का है जहां दो शिक्षकों के बीच का विवाद अब थानें तक पहुंच गया है, और जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
जानिये क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शाला बकहो में प्रभारी प्राचार्य के रुप में पदस्थ महेन्द्र सिंह नामक शिक्षक पदभार प्राप्त करते ही मनमर्जी की तर्ज पर स्कूल की व्यवस्था को अपनें हांथों में लिये हुये हैं। जानकार बताते हैं उक्त विद्यालय में एक अन्य वरिष्ठ शिक्षक गोपाल चौधरी की तैनाती होनें से उन्हें अपनें पद से हटा दिये जानें का अंदेशा होनें लगा जिसके बाद वह ऐसे तमाम षणयंत्र रचनें लगे जिससे गोपाल चौधरी का स्थानांतरण अन्यत्र कर दिया जाये। बीते दिनों इसी षडयंत्र के तहत महेन्द्र नें सुनियोजित तरीके से न सिर्फ गोपाल के सामाजिक क्षवि धूमिल करनें में जुट गये बल्कि विभाग के सामनें भी उनकी छवि को धूमिल कर उन पर विभागीय कार्यवाही किये जानें को लेकर भी प्रयास करनें लगे। पीडित गोपाल चौधरी नें थानें में अमलाई थानें में लिखित शिकायत करते हुये बताया है कि बीते 13 नवंबर को प्रभारी प्राचार्य महेन्द्र सिंह के कई बार कहनें पर वह पार्टी मनानें अमलाई चौराहे बुढार स्थित एक होटल में पहुंचे इस दौरान उनके साथ स्कूल का केयरटेकर भी मौजूद था। दोनों ही शिक्षकों नें पार्टी मनाई और दोनों नें ही शराब का सेवन भी किया। शिक्षक गोपाल नें बताया कि उन्हें उस बात अंदेशा ही नहीं था उनके साथ सामनें बैठे शराब पी रहे साथी शिक्षक पूर्व कि योजना के साथ अपनें मोबाइल से उनका फोटो ले रहे हैं। गोपाल नें बताया कि दूसरे ही दिन महेन्द्र उन्हें उक्त फोटो दिखाकर धनकानें लगे और यह कहनें लगे कि अब उन्हें वह सबक सिखाकर रहेंगे। जिसके बाद गोपाल की समाचारों में प्रकाशित फोटो महेन्द्र के द्वारा ही विद्यालय के पुस्तकालय कि फोटो बतलाते हुये वायरल की गई और उनकी छवि धूमिल की गई।
छवि धूमिल करनें वाले पर कार्यवाही कि मांग,फोटो के सोर्स की हो जांच
पीडित गोपाल नें थानें में शिकायत कर संबंधित प्रसारित फोटों के सोर्स के जांच की मांग करते हुये कहा है कि उक्त फोटो के वायरल होनें व उक्त फोटो के समाचारों में प्रकाशन से उनकी छवि समाज व कार्यक्षेत्र में धूमिल हुई है, जिससे वह मानसिक रुप से पीडित हैं। जिसकी साइबर सेल द्वारा जांच की जानी चाहिये और संबंधित पर कार्यवाही होनी चाहिये।
वरिष्ठ है गोपाल, नहीं मिला प्रभार, महेन्द्र नें क्यों दिया था लाखों का उपहार
जानकारी के मुताबिक उक्त विद्यालय में पदस्थ गोपाल चौधरी वर्तमान में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य से न सिर्फ वरिष्ठ है बल्कि योग्यता और शासन के मापदण्डों में भी इस पद के लिये फिट नहीं बैठते। जानकार बताते हैं कि संबंधित मामले को लेकर जहां उच्च अधिकारियों तक शिकायतें की जा चुकी है वहीं सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत कर कार्यवाही कि मांग की चुकी है। दूसरी तरफ प्रभारी प्राचार्य अपनें ऊंचे रशूख व सांठ गांठ के चलते पूर्व भी सुर्खियां बटोर चुके हैं। गौरतलब है कि अपनें साथी शिक्षक के स्थानांतरण पर उनके विदाई समारोह में लाखों की बाईक उपहार में देकर सुर्खियों में आ चुके हैं। जबकि ऐसा उपहार दिया जाना सेवा अधिनियम के विपरीत माना गया है। जानकार बताते हैं कि संबंधित मामले की जांच और कार्यवाही पर पर्दा डा़लनें में भी महेन्द्र की विभाग में ऊंची पकड़ और रशूख काम आई और उन पर कार्यवाही न हो सकी। जानकार बताते हैं बीईओ कार्यालय से लेकर एसी कार्यालय तक अपनी मजबूत पकड़ रखनें वाले महेन्द्र न सिर्फ मनमर्जी की तर्ज पर कार्य किये जानें को लेकर जानें जाते हैं, बल्कि इन कार्यालयों में तमाम शिकायतों के बाद भी उन पर कार्यवाही नहीं हो पाती।