पामगढ़ में अक्षर समाज सेवी संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया , कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में महिलाओं ने की भगीदारी

(पंकज कुर्रे)
PAMGARH। स्थानीय सद्भावना भवन में अक्षर समाज सेवी संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्यअतिथि इंदु बंजारे पूर्व विधायक पामगढ अध्यक्षता चन्द्रकुमारी लहरे अतिविशिष्ट अतिथि संतोषी मनोज रात्रे नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य क्रमांक 06,श्रीमती अर्णिमा मिश्रा परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास, नर्मदा निराला सामाजिक कार्यकर्त्ता , आमना बेगम सामाजिक कार्यकर्त्ता कृष्णा यादव प्रोफेसर मस्तूरी, श्रीमती सुमन खरे सामाजिक कार्यकर्त्ता, श्रीमती मंजू टंडन पूर्व सरपंच महका परमेश्वरी खूंटे सरपंच खरखोद शैल पटेल, श्याम कुमारी आरले चंद्रकला शर्मा थी।
मुख्य अतिथि इंदु बंजारे ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनायें और बधाई देते हुए कहा कि आज भी समाज में व्यापक रूप से अंधविश्वास कुरीति पढ़े लिखें लोगो के बिच में फैली हुई है हम खुद को न समझ पा रहे है और न दूसरों को समझा पा रहे है विभिन्न पदों में पहुंचकर भी वही वही खड़े है जब तक समझ पाते तब तक में हमारी खुर्सी चली जाती है हम उन झमेलो में फंसे पड़े है जहाँ पर महिला पुरुष के बिच छोटी बड़ी की रिस्ता है पुरुष वर्ग हमेशा महिलाओ को अपने से कम आकलन करते है और हम मान लेते है ये समाज के लिये बड़ी पीड़ा एवं दुखदाई है सभी जगहों पर अपनी खुद की पद को हम समझ नही पाते है, समाज में व्याप्त छोटा बड़ा का खाई बना रहेगा महिलाओ की बराबर की भागीदारी के बाद भी हम पीछे रह जायेंगे ये सारी बातों को समाज तक लें जाने की जरूरत है ताकि उनको समझ में आ जाय की ये कार्य मेरा नही उनका है लाल समाज विकास कब करेगा ज़ब महिलाओ को भी सामान अधिकार मिला है उनको हमको देना होगा ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही चन्द्रकुमारी लहरे (Chandrakumari Lahre) ने कहा की मै अक्षर समाज सेवी संस्था का प्रमुख हूँ मै अपने फैसले खुद लेती हूँ वहा पर मेरे भाई मेरे पिता नही होता मैंने ये कार्यक्रम में अपने भाइयो से सहयोग जरूर लिया लेकिन सारा काम और सारे फैसले मेरे खुद की है, मेरे तरह आप सभी बने और अपने पद के अनुरूप अपने फैसले खुद लें जिस तरह किचन को महिला संभालती है लेकिन जब सब्जी बनानी होती है हम अपने पति से पिता से भाई से पूछते है क्या बनाये जबकि हमको मालूम कौन सा सामान किस समय तक ठीक रह सकता है l
जिला पंचायत सदस्य संतोषी मनोज रात्रे ने कहा कि मुझे मेरे क्षेत्र के लोगो ने बड़ी जिम्मेदारी दी है ये जिम्मेदारी मेरी खुद कि हो ज़ब मै अपनी जिम्मेदारी से समाज खरा उतरा तो समझो की मैंने भी समाज के लिये कुछ कर पाई लेकिन मै अपनी पद की गरिमा का ध्यान नही रख पाया तो लोग ये कहेँगे महिला कुछ नही कर सकती है सभी महिलाओ से मै गुजारिश करती हूँ आप खुद को कभी भी कमजोर न समझे l प्रोफेसर कृष्णा यादव ने कहा मुझे देखो मै शारीरिक रूप से कमजोर होकर भी अपने पद के अनुरूप कार्य कर रही हूँ और आपके इस मंच में बैठी हूँ मुझे खुद पर भरोसा है और दूसरों के सहारे होता तो आज इस मंच पहुंच पाता की नही इसकी कोई गारंटी नही है मैंने 20 किलोमीटर की सफऱ करके अपने बहनो को ये बताने आई हूँ की हम कमजोर नही हमें लोग कमजोर कह कर अपने को मजबूत बना लेते है ।
नर्मदा निराला ( Narmada Nirala) ने कहा हम जिस संस्था में काम करते है वहा पर 98 प्रतिशत महिलाये हैँ अगर महिलाये कमजोर होती तो देश भर स्वास्थ्य अलख जगाने वाली आशा कार्यक्रम कब का बंद हो गया होता और हम अपने घरों में चूल्हे चौके में सिमट कर रह जाती l हाँ ये बात जरुर हैँ हमें सहयोग मिलता हैँ जहाँ पर सहयोग की जरुरत पडती हैँ लेकिन हम अपने कार्य को स्वं करते है और आगे भी करते रहेंगे आप सभी को आगे आकर अपने कर्तव्यों को करना होगा l
सुमन खरे ने कहा महिलाओ को आगे आकर कार्य करने की जरूरत है चाहे बहन हो बहु हो, बेटी हो, माँ हो और हर क़ीमत पर महिलाये साथ हो l कार्यक्रम को श्याम कुमारी आरले, शर्मिष्ठा देब, प्रियंका खरे, झरना साहू,शैल पटेल, चंद्रकला शर्मा ने भी सम्बोधित किया और स्वागत एवं कार्यक्रम की रुपरेखा को विस्तार आमना बेगम ने प्रस्तुत किया ।
कार्यक्रम में विभिन्न संस्था मितानिन, बाल विकास विभाग, सक्रिय महिला नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि, किशोरी बालिकाएं, विद्यालय और महाविद्यालय के बालिकाओं की सैकड़ो की संख्या में भागीदारी रही ।