अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन करने वालों पर पुलिस विभाग की संयुक्त कार्यवाही

(राकेश चंद्रा)
बिजुरी। थाना क्षेत्रांतर्गत रेत माफियाओं द्वारा लम्बे समय से स्थानीय पुलिस अमला से सांठ-गांठ कर, क्षेत्र के विभिन्न नदी घाटों से लगातार (ILLEGAL SAND) अवैध रेत का उत्खनन एवं परिवहन करने कि घटना जिलेभर के अखबारों में दिन-प्रतिदिन सुर्खियां बटोरती है। बावजूद इसके कार्यवाईयों के नाम पर प्रशासनिक जिम्मेदार अमलों द्वारा महज छुट-पुट कार्यवाईयां कर खुद कि पीठ खुद ही थपथपा लिया जाता था। वहीं अवैध रेत कारोबार में लिप्त मुख्य सरगनाओं पर कार्रवाईयां विभाग द्वारा अब तक नही किया जा रहा है। जिसकी चर्चा जोरों पर है।
“पुलिस कि संयुक्त टीम ने मिलकर किया कार्यवाई”
रविवार 22 सितम्बर की मध्यरात्रि मुखबिर से सूचना प्राप्त हुआ कि बिजुरी थाना अन्तर्गत ग्राम क्योंटार कि तरफ नदियों से अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन का कार्य जारी है। जिस पर बिजुरी पुलिस एवं कोतमा पुलिस कि संयुक्त टीम द्वारा सूचना स्थल पर पहुंचने दौरान बहेराबांध स्थित मार्ग पर परिवहन कर रहे वाहनों को रोककर कार्यवाई की गयी।
“दो वाहनों को छोंड़ दिया गया वहीं तीन वाहनों पर हुयी कार्यवाई”
जनचर्चाओं कि मानें तो बिजुरी पुलिस एवं कोतमा पुलिस कि संयुक्त टीम द्वारा 05 वाहनों को पकड़कर थाना परिसर में लाने पश्चात 02 वाहनों को टीपी होने का हवाला देकर छोंड़ दिया गया। शेष 03 ट्रैक्टरों पर अपराध क्र. 230/24 , 231/24, 232/24 धारा 303(2),317(5),3(5) बीएनएस एवं 4/21 खनिज अधिनियम एवं 130/177(3) एमव्ही एक्ट कायम कर अनुसंधान में लिया गया है।
“वाहन चालक एवं वाहन मालिकों पर हुयी कार्यवाई”
अवैध रेत परिवहन मामले में वाहन चालक मनोज साहू निवासी बहेराबांध, मेवालाल पाव निवासी केनापारा, ईश कुमार सिंह गोंड निवासी सिगुडी मौके पर पकड़े गये एवं उक़्त वाहनों के वाहन स्वामी अंबिका प्रजापति निवासी मोहाडा दफाई, सत्यनारायण साहु निवासी बहेराबांध, नाहर सिंह गोंड निवासी सिगुडी शामिल हैं।
“छोंडे़ गए वाहनों पर लोग व्यक्त कर रहे हैं भिन्न-भिन्न प्रक्रियाएं”
22 सितम्बर कि रात्रि रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने दौरान बिजुरी पुलिस द्वारा टीपी होने का हवाला देकर जिन दो वाहनों को छोंड़ा गया। उससे क्षेत्रभर में लोगों के बीच पुलिस कार्रवाई चर्चा का विषय बना हुआ है। थानाक्षेत्र के लोग इन दिनों पुलिस विभाग कि निष्पक्ष कार्यप्रणाली पर सवाल खडा़ करते हुए उन पर तरह-तरह के आरोप लगाने से बाज नही आ रहे हैं।
कारण। स्थानीय जानकार बताते हैं कि मध्यप्रदेश कि ही तरह पडो़सी छत्तीसगढ़ राज्य में भी बारिस के दौरान तीन महीनों तक रेत उत्खनन कार्य बंद रहता है। ऐसी स्थिति में फिर छोंडे़ गए वाहन चालक टीपी कहां से लाए। और यदी टीपी भण्डारण का है, तब फिर रेत परिवहन करने के लिए वाहन चालक को मध्यरात्रि होने का इंतजार करना क्यूं पडा़। सवाल कयी हैं। जिसका जवाब केवल बिजुरी पुलिस के पास है।