मंगल भवन बाउंड्री विवाद कांग्रेस नेताओं ने बनाया दवाब

(बब्लू तिवारी)

पत्थलगांव। पुरानी बस्ती स्थित मंगल भवन में निर्माणाधीन बाउंड्री वाल का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब इस मामले में कांग्रेस नेताओं ने दखल अंदाजी कर मामले को लेकर काफी दिलचस्प बना दिया है कांग्रेस नेताओं ने पत्थलगांव एसडीएम के समक्ष आवेदन देकर मंगल भवन की जमीन में सांस्कृतिक भवन के लिए जगह आरक्षित किए जाने का निवेदन किया है।इस आवेदन को लेकर अब लोगो में षडयंत्र की बु आती नजर आ रही है, लोगों का कहना है कि उक्त मंगल भवन की जमीन में यदि कांग्रेस नेताओं को सांस्कृतिक भवन बनवाना ही है तो वह भवन बाउंड्री वाल के अंदर भी निर्माण हो सकता है।कही न कही मंगल भवन को सुरक्षित करने यहां की समस्त जमीन को बाउंड्री वाल से घेराव कराए जाने का इस्टीमेट बनाकर राशि स्वीकृत कराया गया है जिसका एजेंसी दीवानपुर पंचायत को बनाया गया है। लेकिन दबंग ठेकेदार द्वारा यहां के भू माफियाओं से सांठ गांठ कर बाउंड्री वाल की लंबाई को छोटी कर मंगल भवन को सुरक्षित करने के बजाए यहां की अधिकांश शासकीय जमीन को बचाकर बाउंड्री निर्माण किया जा रहा है। सवाल यह है कि इसी परिसर में कुछ वर्षों पूर्व ही एक सामाजिक भवन का भी निर्माण हो चुका है अब यह मंगलवार के निर्माण की पश्चात कांग्रेस नेताओं का यह कहा जाना कि यहां की बाकी जमीन को सांस्कृतिक भवन के लिए आरक्षित करें समझ से परे है।बता दे कि इतने बड़े मंगल भवन निर्माण होने की बावजूद भी यदि यहां संस्कृतिक भवन का निर्माण कराया जाने की योजना कांग्रेस नेताओं ने बनाई है तो भविष्य में प्रस्तावित संस्कृतिक भवन का कोई ओचित्य नहीं क्योंकि संस्कृतिक भवन में होने वाले समस्त सामाजिक गतिविधिया,सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए यहां पहले से ही विशालकाय सुविधायुक्त मंगल भवन मौजूद है जिसमें समस्त कार्यक्रम आयोजित हो सकते हैं। कुल मिलाकर लोगों का यह कहना है कि यहां निर्माणाधीन बाउंड्री वॉल में मनमाना कार्य कराए जाने हेतु ही कांग्रेस नेताओं ने ठेकेदार को बचाने के लिए यह कदम उठाया है। संस्कृतिक भवन बनाए जाने की योजना बताते हुए जमीन आरक्षित करने की मांग को लेकर सवाल यह भी है कि जब यहां कांग्रेस के विधायक नहीं और न ही कांग्रेस की सरकार है तो फिर फंड कहां से आएगा आखिरकार मंगल भवन को चारों तरफ से बाउंड्री वॉल से घेराव क्यों नहीं कराया जा रहा है जबकि ईस्टीमेट में समस्त भूमि को बाउंड्री वॉल से घेराव किया जाना प्रस्तावित है। ऐस्टीमेट अनुरूप बाउंड्री वॉल नहीं कराये जाने को लेकर लगातार समाचार प्रकाशन के बावजूद संबंधित इंजीनियर समेत संबंधित अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है माना जा रहा है कि सभी लोग कांग्रेस नेताओं के दबाव में आ गए हैं। यहां स्थित नलकूप को भी बाउंड्री से बाहर किया गया है। बहरहाल इस मामले में सत्तासीन बीजेपी नेताओं की भी चुप्पी समझ से परे नजर आ रही है।

इन्हें भी पढ़े