अनदेखी: नक्सलियों से लड़ाई में प्राण निछावर करने वाले ‘हुमेशवर’ की मूर्ति का सुध लेने वाला कोई नहीं

(राजेश्वर गिरी)
बलौदाबाजार। अपनी जिम्मेदारी व फर्ज के खातिर जशपुर जिले के आरा थाना में पदस्थ अमर वीर शहीद हुमेश्वर कुर्रे ने नक्सलियों से डटकर मुकाबला करते हुए 6 फरवरी 2006 को अपने प्राणों को निछावर कर दिया। जिसके स्मृति व युवाओं को प्रेरणा मिले इसके मद्देनजर शहीद के गृहग्राम परसाभदेर मिशन में प्रवेश द्वार में ही अमर शहीद वीर हुमेश्वर कुर्रे का मूर्ति स्थापित किया गया है, लेकिन 3 किलोमीटर ही दूरी पर जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के कार्यालय होने के बाद भी प्रशासनिक अनदेखी के चलते मूर्ति बदरंग व अपना अस्तित्व खोते जा रहा है, जिसका सुध लेने वाला कोई नहीं है। संवाददाता ने जब पूरे मामले की जानकारी लेने अमर शहीद के घर पहुँचे तो उनके पिताजी रमऊवा प्रसाद कुर्रे ने बताया गया कि शासन प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी उनके बेटे के मूर्ति को सुधार के लिए किसी ने पहल नहीं की। जिस कारण से वह निराश होकर चुप बैठ गए हैं। वही मूर्ति के अलावा चबूतरा भी क्षतिग्रस्त हो गया है व चबूतरे के ऊपर लगे ग्रिल भी किसी ने चोरी कर ली है। लेकिन सब सही की तर्ज पर चल रहा है। इधर जब इस मामले को बलौदाबाजार के संवेदनशील एसपी विजय अग्रवाल के संज्ञान में लाया गया तो उनके द्वारा त्वरित सुधार कार्य कराने के निर्देश दिये है, अब आगे देखना होगा कि एसपी की पहल से कब तक शहीद की प्रतिमा का जीर्णोद्धार कराया जाता है।
