पामगढ़ में विश्व जल दिवस पर हसदेव बचाओ जन जागरूकता सम्मेलन का किया गया आयोजन, रैली निकालकर हसदेव नदी , जंगल बचाओ का दिया संदेश

पंकज कुर्रे

PAMGARH। विश्व जल दिवस पर पामगढ़ के सतनाम भवन में हसदेव नदी, जंगल बचाओ जन जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में आए अतिथियों का स्वागत पौधा देकर किया गया । सम्मेलन की शुरुआत पर्यावरण ऐक्टिविस्ट काजल कसेर द्वारा जल संरक्षण की शपथ दिलाकर की गयी । सभा का संयोजन युवा समाजसेवी विनय गुप्ता द्वारा, संचालन काजल कसेर एवं अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी चैतराम देव खटकर (Chaitram Dev Khatkar) द्वारा किया गया ।मुख्य वक्ताओं में बिलासपुर से पहुंचे हसदेव नदी जंगल बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता प्रथमेश सविता ने हसदेव आंदोलन को पूरे क्षेत्र में विस्तार देने के लिए पामगढ़ सहित आसपास के सभी गांवों में संगठन निर्माण की बात कही। उनकी इस बात से सभी ग्रामीणों सहमत थे कि इस क्षेत्र में पेयजल के साथ साथ सिंचाई के लिए पूरी आबादी बांगो बांध की नहरों पर निर्भर है और यदि कोयला खदानों के लिए जंगल काटे जाएंगे जिससे बांध का अस्तित्व खत्म हो जाएगा तब इस क्षेत्र में भविष्य में आकाल की स्थिति निर्मित हो जाएगी।

दिनेश शर्मा ने आंकड़ों सहित अपनी बात रखते हुए कहा कि बांध जो अभी भी 18% सिल्ट से भर चुका है हर बीस वर्ष में 10% सिल्ट भरती है यदि जंगल कटाई नहीं रोकी गई तो सिल्ट भरने की रफ्तार कई गुना बढ़ जाएगी। जिस बांध से तीन फसलों के लिए पानी देने का वादा था आज उससे दूसरी फसल के लिए भी पानी देने में सरकार की कोई प्लानिंग नहीं है मेनेजमेंट में खामी है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं मुखर वक्ता राधेश्याम शर्मा ने जंगलों की कटाई के लिए हसदेव में हो रहे अत्याचार और शोषणकारी नीतियों पर कटाक्ष की और जनता को जागरूक किया । सभा में मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य प्रीति अजय दिव्य ने कविता के माध्यम से जल और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया । साथ ही रैली निकालकर हसदेव नदी जंगल बचाओ के लिए लोगों को जागरूक किया गया।

कार्यक्रम में नगर पंचायत पामगढ़ अध्यक्ष  गौरी छोटू जांगड़े (President Gauri Chhotu Jangde) ने जल जंगल जमीन पर स्वलिखित गायन प्रस्तुत किया, अमरताल सरपंच श्रीमती मिथिलेश बघेल,  निर्मला नायक, रामनाथ जीतपूरे, अभिषेक मिश्रा, ललित बघेल, पवन सिंघानिया ,डॉ हेमंत कश्यप, भूतपूर्व सैनिक के पी यादव ,अधिवक्ता तिवारी , कुमारी कंसारी, राहुल राय, मंगल अजगले, परदेसी कश्यप, ईश्वर साहू, टिकेश्वर चंद्र, अजय मिश्रा इत्यादि उपस्थित थे। एवं जल, जंगल, जमीन के संरक्षण को लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त किए ।