कर्मयोगी ही भगवान को पा सकते हैं-आचार्य सुनील महराज

(मानस साहू)
कसडोल। कर्म करना मानव का प्रवृति बन जाना चाहिए। गीता में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि कर्मयोगी वही है।
जो बिना किसी फल की लालसा के केवल अच्छा कर्म करता रहे, क्योंकि वृक्ष भी एक समय बाद ही फल देता है न की तुरंत बीज बोते ही। ठीक उसी प्रकार कर्म करना मानव का मूल कर्तव्य है और फल तो मिलेगा ही।
हे पार्थ इस श्रृष्टि में मेरे करने योग्य कुछ भी नही फिर भी मैं कर्म किए जा रहा हूं। उपरोक्त कथन ग्राम मानाकोनी में श्रीमद भागवत कथा अंतर्गत सनातन धर्म सेवा एवम कल्याण संस्थान छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष आचार्य सुनील तिवारी महाराज ने कहा। विकासखंड के ग्राम मानाकोनी में पंच दिवसीय भागवत कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, आसपास गांव गिरौदपुर, डेराडीह, कौवाताल, रामपुर, कोट, दर्रा, मड़वा, कोटियाडीह, मटिया, तेंदूभाठा सहित अन्य गांव से लोग कथा सुनने पहुँच रहे हैं, आयोजक समिति समस्त ग्रामवासियों द्वारा भोजन भंडारा में लगातार सेवा प्रदान किया जा रहा है।