दीवाली की मिठास में ज़हर की मिलावट

(राकेश चंद्रा)
त्यौहार से पहले ही सक्रिय हुआ मिलावटखोरों का गिरोह, स्वास्थ्य विभाग फिर मौन
बिजुरी।खुशियों और रोशनी का त्यौहार दीवाली जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, कोयलांचल नगरी बिजुरी के बाजारों की रौनक भी बढ़ गई है। हर तरफ़ रंग-बिरंगी मिठाइयों की दुकानें सज चुकी हैं, लेकिन इस उत्साह के बीच एक कड़वी सच्चाई भी घुलने लगी है,
“मिठास में मिलावट का जहर”
त्यौहारी सीजन शुरू होते ही शहर के बाज़ारों में मिलावटखोरों का गिरोह एक बार फिर पूरी निर्भीकता से सक्रिय हो गया है। खुलेआम नकली खोया, सिंथेटिक घी और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक केमिकल युक्त रंगीन मिठाइयां बेची जा रही हैं।
ग्राहक चमकदार पैकिंग और आकर्षक रंगों के जाल में फँसकर ये मिठाइयां खरीद रहे हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं कि ये घटिया पदार्थ उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं।
“दागदार दुकान फिर मैदान में, पुराना मामला रफ़ा-दफ़ा”
चिंता की बात यह है कि नगर की एक पुरानी विवादित दुकान, जोधपुर स्वीट्स, जिस पर पूर्व में नकली और गुणवत्ता-विहीन केक बेचने का गंभीर आरोप लगा था, वह एक बार फिर दीवाली के मौके पर मिठाइयों की बिक्री शुरू कर चुकी है।
वह मामला सोशल मीडिया सहित स्थानीय अखबारों एवं मीडिया चैनलों में जमकर वायरल भी हुआ था, लेकिन खाद्य विभाग की उदासीनता और लापरवाही के चलते दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब उसी दुकान का दोबारा मिठाइयों का कारोबार शुरू करना ग्राहकों के बीच गहराई आशंका और भारी नाराज़गी पैदा कर रहा है।
क्या इस बार भी विभाग आँखें मूंद लेगा
नगरवासियों कि मानें तो यदि इस बार भी खाद्य विभाग और स्थानीय प्रशासन ने मौन साधे रखा, तो यह मिलावटखोरी का काला कारोबार और तेज़ी से फैलेगा। लोगों ने एक स्वर में खाद्य निरीक्षण दल से मांग किया है कि वह बाज़ार में उतरे और दुकान से मिठाई और कच्चे माल के सैंपल (नमूने) लेकर उनकी गहन जाँच करे, साथ ही जो भी दोषी पाया जाए, उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी किया जाए।