प्रशासनिक सहमति से रेत माफिया खेल रहे हैं लुका-छिपी का खेल

बिजुरी। क्षेत्रांतर्गत बंद पडी़ अवैध रेत का कारोबार पुनः एक बार प्रारंभ हो गया है। जिसके लिए क्षेत्र के रेत माफियाओं द्वारा रात के अंधेरों का सहारा लेकर भिन्न-भिन्न स्थानीय नदियों से रेत उत्खनन कर, क्षेत्रभर में भिन्न-भिन्न स्थानों पर मंहगे दामों में गिराकर, मोटी रकम वसूला जा रहा है। इन रेत माफियाओं द्वारा जहां शासन-प्रशासन को प्रतिमाह लाखों रुपए कि आर्थिक क्षति पहुंचाया जा रहा है, वहीं जिला कलेक्टर अनूपपुर के निर्देशों का भी खुलेतौर पर अवहेलना लगातार किया जा रहा है। बावजूद इसके इन अवैध रेत कारोबार पर अंकुश एवं माफियाओं पर कार्रवाई करने में स्थानीय पुलिस विभाग व खनिज अमला नाकारा साबित हो रहे हैं।

जिला कलेक्टर ने 01 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पर लगाया था रोक-

बरसात का मौषम प्रारम्भ होने के साथ ही जिला कलेक्टर अनूपपुर द्वारा 30 जून मध्यरात्रि पश्चात से 01 अक्टूबर तक समूचे अनूपपुर जिला क्षेत्र में रेत उत्खनन पर रोक लगाया गया है। बावजूद इसके थानाक्षेत्र बिजुरी में रेत उत्खनन एवं परिवहन का कार्य जोरों से संचालित है। जिस पर कार्यवाई करने में सम्बंधित विभाग सहित स्थानीय पुलिस अमला द्वारा उदासीनता बरती जा रही है। जिसे ना सिर्फ प्रदेश सरकार के नीति नियमों के विपरीत माना जा रहा है। अपितु जिला के सर्वोच्च अधिकारी अर्थात कलेक्टर के निर्देशों का भी खुला अवहेलना माना जा रहा है।

मामला तूल पकड़ने पर चंद दिनों के लिए हो जाता है बंद, उसके बाद पुनः प्रारंभ हो जाता है सुनहरी रेत का कारोबार-

बिजुरी थाना क्षेत्र अन्तर्गत लम्बे समय से सक्रिय रूप से चल रहे अवैध रेत कारोबार कि चर्चा नगरभर में लोगों के बीच जब चर्चा का केन्द्र बनता है, तब सम्बंधित जिम्मेदारों के आदेश पर चंद दिनों के लिए रेत माफियाओं द्वारा रेत कारोबार कि गति को धीमा कर लिया जाता है। वहीं कुछ ही दिनों बाद यह कारोबार शासन-प्रशासन के सभी दिशा-निर्देशों को शिथिल करते हुए वापस उसी रफ्तार के साथ गति पकड़ लेता है। वर्तमान दिनों में थानाक्षेत्र बिजुरी कि यथास्थिती यही कहानी बयां कर रही है। रेत माफियाओं ने इन दिनों जहां अपने हौसले बुलंद कर रखे हैं वहीं प्रशासनिक अमला शांत स्थिर होकर मूकदर्शक कि भूमिका निभाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। जिसकी चर्चा इन दिनों नगरभर में जोर पकड़ने लगा है।

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