नगर का कोतवाल नही कर पा रहा सट्टा शराब और कबाड़ पर कमाल

(राकेश चंद्रा)
बिजुरी। थाना क्षेत्रांतर्गत बिजुरी बीते माहों से अवैध कारोबारों का गढ़ बनकर रह गया है। थानाक्षेत्र में लगातार जुगनूं कि भांति चमकने वाला सट्टा, शराब एवं कबाड़ का कारोबार व्यापक तौर पर अपना आकार वृहद बनाकर कानून के नियम-कायदों कि बखिया उधेड़ने में किसी भी तरह कि कोताही नही बरत रहा है। जिस पर स्थानीय पुलिस कि मौन स्वकृति माना जाए तो यकीनन अनुचित नही होगा। कारण नगर के निरीक्षक विकाश सिंह द्वारा अवैध कारोबार एवं कारोबारियों पर नियम कानून का चाबुक चलाने में दिलचस्पी बिल्कुल भी नही दिखाया जा रहा हैं। यही एक कारण है कि कोयला उत्पादन के लिए जाना जाने वाली कोयलांचल नगरी बिजुरी अपराधियों का गढ़ बनकर रह गया है।
जगह-जगह काटी जा रही सट्टा पर्ची वहीं जगह-जगह परोसी जा रही है शराब-
थाना क्षेत्रांतर्गत स्थानीय पुलिस कि नाकामियों का नतीजा यह है कि पुलिस थाना परिसर से महज 400-500 मी. कि दूरी पर स्थित मुख्य बिजुरी बजार के भिन्न-भिन्न स्थानों एवं कालोनियों के विभिन्न तिराहे-चौराहों से प्रारम्भ होने वाला सट्टा, शराब और कबाड़ का कारोबार, नगर क्षेत्र से आरम्भ होकर आसपास के समीपवर्ती ग्रामीण अंचलों में थानगांव, बेनिबहरा, जलसार सहित बहेराबांध कोठी, लोहसरा, भवनिहाटोला, भगता एवं बैहाटोला, कटकोना में व्यापक स्वरूप धारण कर चुका है। जिसकी जानकारी समय-समय पर स्थानीय पुलिस प्रशासन को मिलने बाद भी इनके द्वारा कार्यवाहियां करने कि जहमत बिल्कुल भी नही उठाया जा रहा है। कारण यही है कि नगर के जिम्मेदार कर्मी द्वारा बिजुरी थाना परिसर में पदस्थापना लेने पश्चात ही क्षेत्र के भिन्न-भिन्न कार्यों में लिप्त गिरोहों से बैठक कर सांठ-गांठ कि प्रक्रिया पूर्ण कर, उन्हे आशिर्वाद प्रदान कर दिया गया है। जिसकी चर्चा नगर भर में ना केवल लोगों के बीच सुर्खियां बटोर रही है, अपितु लोगों के चर्चाओं में एक बात अपवाद के रूप में यह भी बनी हुयी है। कि प्रदेश सरकार में कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री बने कोतमा विधायक के गृहक्षेत्र में अपराध एवं अपराधियों का ग्राफ तेजी से बढ़ गया है। जिस पर संज्ञान लेने कि जहमत ना ही उच्च प्रशासनिक अमला को है, और ना ही भाजपा शासित सरकार को।
कबाड़ कारोबार भी सट्टा और शराब जितनी ही मचा रही है उत्पात-
बिजुरी थाना क्षेत्रांतर्गत सट्टा और शराब का कारोबार जिस तेजी से अपनी जडे़ जमाकर, क्षेत्र एवं प्रदेश कि कानून-व्यवस्था का मजाक उडा़ रही है। ठीक उसी अंदाज में कबाड़ का कारोबार भी अपने चर्मोत्कर्ष पर जा पहुंचा है। किन्तु नगर के थाने में पदस्थ एक जिम्मेदार पुलिस कर्मी के चहेतों में शुमार होने के कारण उक्त कबाड़ कारोबारी के लिए कानून के नियम और कायदें सब शिथिल पर बने हुए हैं। फिर क्या शासन और क्या प्रशासन सब ने बिजुरी थाना क्षेत्र में संचालित सट्टा, शराब और कबाड़ के कारोबार पर अपना हाथ खडा़ कर लोगों को सिर्फ यह बताने का ही प्रयास कर रहे हैं कि भाजपा कि सरकार मतलब सबका साथ, सबका विकाश और सबका विश्वास फिर चाहे वह आम नागरिक हो या फिर अपराधिक प्रृवत्ती, सब एक ही तराजू के पलड़े हैं। जिसे शासन पक्ष प्रशासन कि आड़ में आम लोगों को गुमराह कर अपने पाले में तौलकर स्वार्थ सिध्दी योग का अलाप राग रहे हैं।