कोतबा बच्चों के हंगामे ने लिया आन्दोलन का रूप, टेंट,दरी, पानी एव जलपान जैसे खर्चीले व्यय की व्यवस्था ने उठाये सवाल,बच्चो के इस आंदोलन को लेकर एक सवाल उठ रहा है कि इसमें फंड कहां से आ रहा है

(बब्लू तिवारी)

जशपुर। जिले में स्वामी आत्मानंद स्कूल लगातार राजनीति का शिकार बनता जा रहा है कभी शिक्षको का तबादला तो कभी स्कूली बच्चो के मध्य विवाद का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है, ताजा मामले में कोतबा स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी व हिंदी माध्यम के प्रभारी प्राचार्य फिल्मोन एक्का को हटाए जाने के आदेश आने के पहली सुबह ही स्कूली बच्चो ने हंगामा करना शुरू कर दिया, आत्मानंद स्कूल के बच्चों ने प्राचार्य को वापस कोतबा में ही रहने देने को लेकर आंदोलन करते हुवे चक्का जाम तक कर डाला बता दे की शनिवार की सुबह जैसे ही स्कूल खुला स्कूल के बच्चों ने स्कूल के बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया स्कूल के बच्चों का कहना था कि प्राचार्य फिल्मोन एक्का को यथावत स्कूल में रखा जाए। गोरतलब हो की जशपुर जिले में स्वामी आत्मानंद स्कूल के विवाद में रहने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जिले के कुनकुरी के आत्मानंद स्कूल के बच्चो के मध्य घातक हथियार से मारपीट का मामला सामने आ चूका है, लेकिन प्रशासन विवाद को सुलझाने और विवादों में अंकुश लगाने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठा है, जिसका फायदा स्कुल को लेकर राजनीति करने वाले उठा रहे है, कोतबा स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी व हिंदी माध्यम के प्रभारी प्राचार्य फिल्मोन एक्का को हटाना भी इसी राजनीती से प्रेरित मामला होने की चर्चा आम हो गया है।

यहाँ स्थानीय नेताओ की शिकायत पर राज्य शासन द्वारा कोतबा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम के प्रभारी प्राचार्य फिल्मोन एक्का को हटाकर नवीन प्रभारी प्राचार्य जय कुमार सिदार को बनाया गया और पूर्व प्रभारी प्राचार्य फिल्मोन एक्का को घरजियाबथान स्कूल में नवीन दायित्व दिया गया है।जिसे लेकर अब बच्चो को आगे कर आन्दोलन के लिए प्रेरित किये जाने की खबर है यहा सत्ता पक्ष और विपक्ष पर स्कूली बच्चो से राजनीती का खेल करवाए जाने की खबर है।सवाल यह उठ रहा है की बच्चो के द्वारा जब प्राचार्य को हटाने का विरोध किया जा रहा है तो फिर इस विरोध प्रदर्शन को चक्का जाम जैसे आन्दोलन का रूप कैसे मिल गया साथ ही आंदोलनरत बच्चो के लिए टेंट चांदनी ,पानी एव जलपान जैसे खर्चीले व्यय की व्यवस्था कौन कर रह है उधर तहसीलदार, बिईओ और थाना प्रभारी के लाख मानने की कोशिश के बावजूद आखिरकार बच्चे तत्काल फिल्मोन एक्का को लाये जाने की मांग पर क्यों अड़े है सवाल अभी और भी कई है धीरे धीरे ही सही इसकी भी परत खुलती जायेगी।


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