शिव शक्ति सेवा मंडल के तत्वावधान में 7 दिवसीय राम कथा एवं 11 लाख पार्थिव शिव लिंग का पूजन का हुआ आयोजन

(मिथिलेश वर्मा)
सुहेला। 7 दिवसीय 23 से 29 तक राम कथा का आयोजन एवं 11 लाख पार्थिव शिव लिंग का पूजन कार्यक्रम ग्राम के तिगड्डा के बाजार चौक में किया गया है, आपको बता दे कि कथाकार पंडित ललित शर्मा है आयोजक शिव शक्ति सेवा मंडल सुहेला है कथा में श्री राम जी के वनवास लीला के बारे में बताया गया राजा दशरथ की तीसरी पत्नी कैकेयी ने अपने बेटे भरत को राजा बनाने के लिए, भगवान राम को 14 साल के वनवास पर भेजा था. कैकेयी को राजा दशरथ ने वरदान मांगने को कहा था. मंथरा ने कैकेयी को बताया कि अगर राम राजा बन गए, तो कौशल्या पटरानी बन जाएंगी और राम भरत को जेल में डाल देंगे. मंथरा ने कैकेयी को यह भी बताया कि आपको कौशल्या की नौकरानी बनकर सेवा करनी होगी. मंथरा की बातों से प्रभावित होकर कैकेयी ने राजा दशरथ से वरदान मांगा. कैकेयी ने वरदान में कहा कि राम को 14 साल का वनवास दिया जाए और भरत को राजा बनाया जाए। राजा दशरथ को ना चाहते हुए भी राम को वन भेजना पड़ा। श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के लिए चले गए। वनवास के दौरान करीब 12 साल उन्होंने चित्रकूट में ही बिताए।
इसके बाद वे चित्रकूट से पंचवटी पहुंचे। कथा से सिख के रूप में राम, सीता, और लक्ष्मण ने वनवास के दौरान कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा ली और तपस्या की. वनवास के दौरान राम ने भारत के आदिवासी, वनवासी, और समाज के लोगों को संगठित किया और उन्हें धर्म के मार्ग पर चलाया। राम, सीता, और लक्ष्मण ने वनवास के दौरान उत्तरी भारत से लेकर दक्षिण में समुद्र तट पार कर लंका तक की यात्रा की. राम, सीता, और लक्ष्मण ने वनवास के दौरान पीले रंग के वस्त्र पहने थे. राम, सीता, और लक्ष्मण की यात्रा एक व्यक्ति के कर्तव्यों, अधिकारों, और सामाजिक ज़िम्मेदारियों पर रूपकात्मक रूप से चर्चा करती है. विस्तृत जानकारी दी गई। कथाकार ललित शर्मा ने बताया 11लाख पार्थिव शिव लिंग से मिलकर भव्य शिव लिंग, नंदी, ॐ, स्वास्तिक, नाम आदि की आकर्षक रूपो में झाकियां बनाई गई है रविवार को भगवान शिव जी का रुद्राभिषेक किया जाएगा। कथा सुनने ग्रामवासी एवं आसपास के ग्रामीणजन भारी संख्या में पहुंच रहे हैं।