क्या कारण है कि जिम्मेदार नही बंद करा पा रहे हैं सट्टे का कारोबार

(राकेश चंद्रा)
क्या जिला कप्तान भी थानाक्षेत्र बिजुरी को आंक रहे हैं सिर्फ आर्थिक नगरी-
बिजुरी। थानाक्षेत्र के भिन्न-भिन्न स्थान, दुकान इत्यादि चौक-चौराहे एवं गलि-गलियारों में सट्टे का कारोबार बेखौफ संचालित हो रहा है, सट्टा माफियाओं द्वारा जगह-जगह तैनात किए गए गुर्गों के दम पर थानाक्षेत्र के प्रत्येक आयु वर्ग को एक अस्सी का लालच देकर, उनके खून पसीने कि गाढी़ कमाई को। स्वलाभ का जरिया बना लिए हैं। वहीं क्षेत्र का युवा भी इनके एक-अस्सी के भंवर में उलझकर दांव लगा रहा है। दांव लगा तो ठीक वरना दाव ना लग पाने कि मलाल में युवा अपराध के दुनिया कि तरफ कदम बढा़ने में भी गुरेज नही खा रहे हैं। जिससे शांतिप्रिय कोयलांचल नगरी बिजुरी अपराध एवं अपराधियों कि नगरी के रूप में ख्याति बटोरने लगा है।
नगर का कोतवाल नही कर पा रहे हैं कमाल-
थानाक्षेत्र बिजुरी अन्तर्गत भिन्न-भिन्न स्थानों पर संचालित हो रहे सट्टा कारोबार सहित भिन्न-भिन्न अवैध कारोबारों पर स्थानीय बिजुरी पुलिस द्वारा कार्यवाई की जाएगी। ऐसी सम्भावना थानाक्षेत्र के प्रत्येक गणमान्य लोगों द्वारा नगर कोतवाल के कार्यशैली को देखकर जतायी गयी थी। किन्तु दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि नगर के कोतवाल लोगों कि उम्मीदों पर खरा नही उतर पाए। और इनके कार्यकाल में सट्टा सहित भिन्न-भिन्न अवैध एवं अपराधिक कार्यों कि गति तेज रफ्तार से विद्यमान है। जिसे जन, समाजिक एवं कानूनहित में बिल्कुल भी उचित नही माना जा सकता है।
जिला के कप्तान भी नही दे रहे ध्यान, क्या उनका कुछ और ही चल रहा है प्लान-
किसी भी जिले में उक्त जिलेभर के कानून-व्यवस्था कि जिम्मेदारी बेशक जिले के पुलिस अधीक्षक के जिम्मे होता है, साथ ही समूचे जिला अन्तर्गत किसी भी थानाक्षेत्र में किसी भी तरह के अवैध कारोबार पर अंकुश ना लगाने वाले जिम्मेदार विभागीय कर्मचारियों को, नियम कानून का पाठ पढा़कर, उनसे नियम अनुरूप कार्य कराते हुए, कानून-व्यवस्था को संतुलित करने कि जवाबदेही भी जिला कप्तान की होती है। किन्तु दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि कोयला उत्पादन वाली कोयलांचल नगरी बिजुरी में विभिन्न तरह के अपराध एवं अवैध कारोबारों के संचालन पर जिला कप्तान भी इस कदर मूक दर्शक बने बैठे हैं मानो बिजुरी थाना क्षेत्र में बेखौफ संचालित भिन्न-भिन्न अवैध कारोबार एवं पनपते अपराधों पर नियंत्रण करने कराने में उन्हे किसी भी तरह कि दिलचस्पी नही है। और थानाक्षेत्र बिजुरी को महज वह भी सिर्फ एक आर्थिक नगरी के रूप में ही आंक रहे है। जो भिन्न-भिन्न प्रकार से आर्थिक समृद्धि का प्रतीक बनकर रह गया है।