बिना चांद के ‌महिलाओं ने मनाया परम्परागत करवाचौथ व्रत

(संजीत सोनवानी)

बिजुरी। सुहाग की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए मनाया जाने वाला त्यौहार करवाचौथ (Festival Karva Chauth) कोयलांचल क्षेत्र में धूमधाम के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाओं द्वारा रविवार सुबह से ही परम्परागत निर्जला व्रत रखते हुए, अपने-अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना कर दोपहर बाद एकत्र होकर सामूहिक पूजा-अर्चना किया गया। साथ ही करवाचौथ की प्रचलित कहानी को एक-दूसरे को सुनाकर सुहागिनों ने श्रद्धापूर्वक पकवान के थाल एवं श्रंगार के समान सजाकर अपने परिवार की बड़ी महिलाओं को भेंट कर उनसे आर्शीवाद प्राप्त किये।

“मौषम के बदले हुए मिजाज के कारण नही दिखा चांद”

गौरतलब है कि करवाचौथ की तैयारी में सुहागिन महिलाएं कई दिनों से लगी हुई थी। इस त्यौहार को लेकर कोयलांचल के बाजारों में भी रौनक छाई रही। सौंदर्य प्रसाधनों और चूड़ियों की दुकानों पर महिला ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिला। करवाचौथ व्रत पर चंद्रमा को देखकर, अर्घ्य देकर पारण करने का प्रावधान हैं। जिसके लिए सुहागिनें देर रात तक चंद्रमा के दर्शन की प्रतिक्षा करती रहीं। किन्तु अचानक हुए मौषम में बदलाव के कारण क्षेत्र में कहीं भी चांद नजर नही आया। लिहाजा कयी घण्टों के इंतजार बाद महिलाएं चांद कि तस्वीर एवं भगवान शंकर के मस्तक पर विराजे चांद को चलनी से निहारकर व्रत का पारण किए।

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