राजिम मेला:- आज से माघी मेला का हुआ आगाज, पुन्नी स्नान कर श्रद्धालुओं ने लगाया आस्था की डुबकी

(हेमंत बघेल)
राजिम/शिवरीनारायण। प्रदेश में श्रद्धा और आस्था का प्रतीक राजिम और शिवरीनारायण कुंभ कल्प की आज से शुरुवात हो गई है, राजिम और शिवरीनारायण मेला में शामिल होने के लिए प्रदेश सहित अन्य जगहों से लाखों श्रद्धालू राजिम और शिवरीनारायण पहुचेंगे, श्रद्धालूओं के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला सुबह 4 बजे से ही शुरु हो गया है, जो आज दिनभर जारी रहेगा।
इधर राजिम के संगम में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु संगम स्थित भगवान कुलेश्वरनाथ महादेव जी के दर्शन कर रहे है, तो वही सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।
पौराणिक मान्यता के मुताबिक वैसे तो देश में अनादिकाल से हर वर्ष माघ पुर्णिमा से महाशिवरात्री तक राजिम मेला आयोजित होता है, देश विदेश के लाखो लोग राजिम के पवित्र त्रिवेणी में उसी आस्था और विश्वास के साथ डुबकी लगाते है, स्नान करते है, जिसकी शुरुवात आज मांघ पूर्णिमा के प्रथम स्नान के साथ शुरू हो गया है, हजारों श्रद्धालूओं ने सुबह त्रिवेणी संगम में स्नान किया, उसके पश्चात भगवान राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ के दर्शन कर रहे है, श्रद्धालूओं के त्रिवेणी स्नान का ये सिलसिला आज दिनभर जारी रहेगा।
राजिम की है अलग पहचान
राजिम कुंभ कल्प की अपनी एक अलग ही पहचान है, पैरी, सोंढूर और महानदी, तीन नदियों के संगम स्थल राजिम त्रिवेणी संगम पर ये राजिम कुंभ कल्प आयोजित होता है।
त्रिवेणी संगम के एक तट पर भगवान विष्णु राजीवलोचन विराजमान है, और दुसरे तट पर सप्तऋषियों में से एक लोमश ऋषि का आश्रम विद्यमान है त्रिवेणी संगम के बींचो बीच खुद महादेव कुलेश्वरनाथ के रुप में स्थापित है, वैसे तो श्रद्धालूओं के यहॉ पहुंचने का सिलसिला सालभर लगा रहता है।
मगर राजिम कुम्भ के समय श्रद्धालूओं के पहुंचने की संख्या कई गुणा बढ़ जाती है, राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ मंदिर दर्शन के लिए श्रद्धालूओं को घंटो लाईन में खडा होना पडता है।
श्रद्धा और भक्ति का दुसरा नाम ही भगवान है, जहॉ श्रद्धा है, वहॉ भक्ति है, और जहॉ भक्ति है, वहॉ भगवान है, भगवान के दर्शनो की चाहत और मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर श्रद्धालूओं का राजिम कुंभ कल्प में पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया है, जो 08 मार्च महाशिवरात्री तक जारी रहेगा।