डीएवी स्कूल में महर्षि दयानंद जी के 200वीं जन्मशताब्दी के अवसर पर हुआ यज्ञ एवं हवन का कार्यक्रम

कसडोल । महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद के आदर्शों पर आधारित डी ए वी स्कूलों में महर्षि दयानंद जी के 200वीं जन्मशताब्दी के उपलक्ष पर यज्ञ एवं हवन किया जा रहा है। इसी कड़ी में कसडोल के डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में 200 कुंडीय महायज्ञ संपन्न किया गया। छात्रों के मनोविकास और कल्याण के लिए विशाल यज्ञ का आयोजन वसंत पंचमी एवं मातृ पितृ पूजन दिवस के शुभ अवसर पर किया गया।


विद्यालय के प्राचार्य भुवनेंद्र सिंह ने बताया की यह आयोजन संस्कारों और नैतिक मूल्यों की लौ को प्रज्वलित करने के लिए किया गया। इसका लक्ष्य हर बच्चे को वेदों की विरासत से जोड़ना है। उन्होने कहा 200 कुंडीय यज्ञ महर्षि दयानंद सरस्वती जी के उपदेशों को पुनर्जीवित करने और संजोने का एक सामूहिक प्रयास है। उन्होंने बताया इस महायज्ञ से एक बेहतर कल की नींव आज रखी जा रही है। यज्ञ एक श्रेष्ठतम कर्म है जो हमारे जीवन का सार और आधार निर्धारित करता है। महर्षि दयानंद की 200वीं जन्मसताब्दि के इस मौके पर विद्यालय के प्राचार्य श्री सिंह ने कहा, “मैं एक ऐसे कार्यक्रम की मेजबानी करके गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं जो न केवल एक महान समाज सुधारक एवं युग प्रणेता की याद दिलाता है बल्कि हर घर में वैदिक संस्कृति का सार लाने का भी प्रयास करता है। इस यज्ञ की महिमा का उल्लेख हमारे वेदों से लेकर सभी उपनिषदों में किया गया है। यह हमारी वैदिक परंपरा है जिसे महर्षि दयानन्द सरस्वती ने वेदों के सत्यज्ञान का आह्वान किया और कहा कि वेदों की ओर लौटो। 200 कुण्डीय महायज्ञ मे डीएवी गोढ़ी बिल्हा,बिलासपुर के प्राचार्य डॉ. सर्वदानंद पाण्डेय मुख्य आचार्य की भूमिका में उपस्थित रहे। श्री पांडेय ने महर्षि दयानंद जी के जीवन एवं आदर्शों पर प्रकाश डाला एवं यज्ञ से होने वाले सकारात्मक परिणामों के बारे में बताया एवं यज्ञाचार्य ने पूरे वातावरण को अपने मंत्रोच्चार से भक्तिमय कर दिया एवं पूर्णतः सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया। उन्होंने पूरे विधि विधान से महायज्ञ को सम्पन्न कराया। 200 कुण्डों से प्रज्वलित होती पवित्र अग्नि ने पूरे वातावरण को रोशन कर नकारात्मकताओं का नाश किया एवं सबके जीवन को उज्ज्वल किया। वहीं 200 के आकार में निकलती हुई यज्ञ कुंडो से अग्नि मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी। यज्ञ में व्याख्याता शिवेंद्र चौबे सहायक आचार्य के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम में डीएवी देवरीखुर्द, बिलासपुर के प्राचार्य शिवाजीराव विनय श्रीवास्तव उपस्थित रहे व आयोजन को छात्रों के मनोविकास के लिए एक सराहनीय पहल बताया।


महायज्ञ में सभी छात्र – छात्राओं एवं अभिभावकों ने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया एवं विद्यालय के इस अनूठी पहल को खूब सराहा। डी ए वी स्कूल ,कसडोल संस्कारों के लिए पूरे जिले में प्रसिद्ध हौ एवं समय समय पर इस तरह के विद्यालयीन आयोजनों से समाज के सभी नागरिकों ,वर्गों को एक उचित मार्गदर्शन प्रदान करता आया है। शहर-समाज में इस तरह के आयोजन करते रहना डीएवी विद्यालय परिवार की एक सकारात्मक दृष्टिकोण है। डी ए वी स्कूल ,कसडोल सदैव ही समाज कल्याण के कार्यों में आगे रहता है जिससे छात्रों एवं अभिभावकों का मनोबल ऊंचा रहता है। धर्म के सर्वोच्च कार्य , महायज्ञ में डी ए वी स्कूल, कसडोल के शिक्षकगण इस अविस्मरणीय कार्यक्रम के साक्षी बने।

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