गौण खनिज खदानो के नियमित संचालन हेतु पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में कार्यशाला सह बैठक हुआ आयोजन

बलौदाबाजार। खनिज विभाग द्वारा जिले में स्थित गौण खनिज खदानों के नियमित संचालन बनाये रखे जाने हेतु पर्यावरण स्वीकृति के लिए वर्तमान में हुए व्यापक बदलाव एवं पर्यावरण विभाग सहित अन्य विभागों के निर्देशों के अनुक्रम में नियमों की जानकारी प्रदान हेतु आज कलेक्टर चंदन कुमार की अध्यक्षता में कार्यशाला सह बैठक का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला संयुक्त जिला कार्यालय के सभागार में संपन्न हुई। कार्यशाला में गौण खनिज के खदानों के नियमित संचालन हेतु पर्यावरण स्वीकृति के नए नियमों एवं प्रावधानों की विस्तृत जानकारी पट्टेदारों को दी गई। कलेक्टर चंदन कुमार ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि गौण खनिज के खदानों का नियमानुसार ही संचालन किया जाना होगा। बिना आवश्यक अनुमति एवं पर्यावरण स्वीकृति के किसी भी गौण खनिज खदानों का संचालन करने नहीं दिया जायेगा और यदि कोई ऐसे बिना अनुमति के गौण खनिज के खदानों का संचालन करते पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई खनिज विभाग के द्वारा की जायेगी। साथ ही श्री कुमार ने कहा कि पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त किए जाने हेतु वन,खनिज एवं ग्राम पंचायतों से अनुमति,अनापत्ति प्राप्त किए जाने हेतु जिला प्रशासन की ओर से समन्वय कार्य करने हेतु संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए है ताकि आगामी 10 दिनों के भीतर संबंधित विभागों से उक्त सभी कार्रवाई पूर्ण कर ली जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि किसी पट्टेदार को पर्यावरण स्वीकृति,अनुमति सहित अन्य नियमों के बारे में जानकारी संबंधित समस्या होती है तो उनकी यथा संभव मदद प्रशासन की ओर से की जायेगी।

जिला खनिज अधिकारी कंुदन बंजारे ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (डीइआईएए) द्वारा मार्च 2016 से लेकर अक्टूबर 2018 तक जिले में स्थित गौण खनिज के खदानों को पर्यावरण की स्वीकृति प्रदान की गई थी। उनकी अवधि अब समाप्त हो गई है। ऐसे पट्टेदारों को पृथक से सीईआईएए से अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य है साथ पट्टेदारों के द्वारा मान्य प्राप्त व्यक्तियों के द्वारा पर्यावरण विभाग के परिवेश पोर्टल में टोर 42 एवं पर्यावरण स्वीकृति ईसी 22 आवेदन प्राप्त हैं। जिनमें से 12 को टोर एवं 7 पर जिला प्रशासन द्वारा जन सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। उक्त कार्यशाला में जिले के सभी खदानों के पट्टेदार सहित पर्यावरण विभाग के आला अधिकारी गण उपस्थित रहे। गौरतलब है कि जिले में मुख्य खनिज चुना पत्थर के 23, गौण खनिज चुना पत्थर 67, फरशी पत्थर 3, मिट्टी 5, रेत 27 खदानें स्थित है।

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