आश्वासन कि आंच में अब तक झुलस रहा बैगाडेबरा गांव,आजादी के 76 वे वर्षो के बाद विकास से कोसों दूर

संजीत सोनवानी
बिजुरी। जिले के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम पंचायत थानगांव का बैगाडेबरा गांव। आजादी के 76 वर्षों बाद भी विकाश के नाम पर जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक दृष्टिकोण से सिर्फ कोरा आश्वासन का शिकार बनकर रह गयी है। लगभग 200 कि आबादी वाले इस पूर्ण आदिवासी गांव में सुविधाओं के नाम पर महज दो हैण्डपम्प, प्राथमिक पाठशाला एवं एक आंगनबाडी़ भवन व चंद सौर ऊर्जा पैनल ही मौजूद हैं। जिन पर आश्रित इस गांव के रहवासी दशकों से अपना जीवन निर्वाह करने को विवश हैं।
आवागमन के लिए सड़क तक नही है मौजूद अन्य सुविधाएं कोसों दूर
बैगाडेबरा गांव के रहवासियों कि स्थिती यह है कि उनके पास स्वयं के ग्राम पंचायत तक जाने के लिए एक सड़क तक भी मौजूद नही है। जिससे वह बिना परेशानी उठाए आवागमन कर सकें। लिहाजा अनूपपुर जिले कि अंतिम सीमा पर बसे इस गांव के रहवासियों को अपने ही पंचायत भवन तक जाने के लिए जंगल के उबड़-खाबड़ भरी पगडंडी रास्तों का सहारा लेना पड़ता है। वहीं अगर शिक्षा और बिजली, पानी सहित स्वास्थ्य सुविधाओं पर नजर डालें तो मालुमात होता है। कि यहां शिक्षा के नाम पर बच्चे गांव के प्राथमिक पाठशाला में 5 वीं तक पढ़ाई करने के बाद, या तो आगे कि पढ़ाई बंद करने को विवश हैं। या फिर पडो़सी छत्तीसगढ़ राज्य कि तरफ कूच करते हैं। बिजली के नाम पर भी यदा-कदा स्थानों पर लगे चंद सोलर पैनल के भरोसे ही इनकी रात गुजरती है। उपयोगी पानी कि सुविधाऐं भी शासन से इन्हे सिर्फ इतना ही मिला है। कि अलग-अलग मोहल्लों में लगे दो हैण्डपम्प पर ही पूरा गांव आश्रित हैं। यह हैण्डपम्प भी जब कभी खराब हो जाता है अगर। तब इन ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए भी कडी़ मशक्कत करना पड़ता है, विशेषकर ग्रीष्मॠतु के दौरान। स्वास्थ्य सुविधाऐं ऐसी कि उपचार के लिए यहां किसी भी प्रकार कि शासकीय अशासकीय चिकित्सक व सुविधाएं मौजूद नही है। सड़क नही होने के कारण आपातकाल में मरीज को चारपाई के सहारे जंगल के रास्ते उपचार के लिए ले जाना पड़ता है।
विकाश के नाम पर जिम्मेदारों ने आश्वासन के अतिरिक्त कुछ भी नही दिया
विकाश के नाम पर मूलभूत सुविधाओं से वंचित बैगाडेबरा गांव में जनप्रतिनिधि सहित प्रशासन के जिम्मेदार अमला द्वारा समय-समय पर कयी बार मौका मुआयना किया गया। किन्तु हर एक शख्स ने इन ग्रामीणों को झूठा आश्वासन का लालीपाप थमाकर स्वयं को चलता कर लिया। जिन पर यकीन कर आज भी यहां के ग्रामीण उम्मीद कि टकटकी लगाए विकाश कि राह निहार रहे हैं।
इनका कहना है
इस गांव तक सड़क निर्माण कराने के लिए पंचायत से कयी बार प्रस्ताव पास कराकर उच्च अधिकारियों तक भेजा गया किन्तु किसी भी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा आज तक उन प्रस्तावों पर गम्भीरता नही दिखाया गया।
गोकुल सिंह टेकाम
सरपंच ग्राम पंचायत थानगांव
हमने कयी बार पंचायत के माध्यम से उच्च अधिकारियों को इस गांव के समस्या से अवगत कराया किन्तु किसी ने भी ध्यान नही दिया।
रज्जू यादव
सचिव ग्राम पंचायत थानगांव
वर्ष 2015 में जब मैं उपसरपंच था तब अपने कार्यकाल के दौरान प्रशासन के सहयोग से वहां स्कूल, आंगनबाडी़ जैसे कुछ बुनियादी सुविधाएं दिलाने का प्रयास किया था। बिजली कि स्वीकृति भी इस गांव के लिए मिल गयी है। जिसका काम जल्दी ही चालू हो जाएगा। इस गांव तक सड़क का होना भी बहुत जरूरी है इसके लिए भी हमारे द्वारा प्रयास किया जा रहा है।
रामजी (रिन्कू) मिश्रा
जिला पंचायत सदस्य
जिला अनूपपुर